Smart Investment : होम लोन का ब्याज अब नहीं सताएगा, बस अपनाएं यह EMI + SIP का अचूक फॉर्मूला
News India Live, Digital Desk: Smart Investment : घर खरीदना हर किसी का सपना होता है, लेकिन इस सपने को पूरा करने के लिए अक्सर होम लोन का सहारा लेना पड़ता है. और लोन का नाम आते ही सबसे पहले जो चीज दिमाग में आती है, वह है उसका 'ब्याज'. कई बार तो हम जितना लोन लेते हैं, लगभग उतना ही पैसा ब्याज के तौर पर चुका देते हैं. लेकिन क्या हो अगर हम आपसे कहें कि एक ऐसा तरीका है जिससे आपका होम लोन लगभग ब्याज-मुक्त हो सकता है?
जी हां, यह सुनने में भले ही थोड़ा अजीब लगे, लेकिन फाइनेंशियल प्लानिंग की एक स्मार्ट ट्रिक से यह मुमकिन है. इस ट्रिक का नाम है- SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान).
समझिए EMI + SIP का कमाल
इसका गणित बहुत सीधा और सरल है. जब आप होम लोन लेते हैं, तो हर महीने एक तय EMI (किश्त) चुकाते हैं. इस तरीके में आपको बस अपनी EMI के साथ-साथ एक छोटी सी रकम की SIP भी शुरू करनी होती है इसका मकसद यह है कि जब तक आपका लोन पूरा होगा, तब तक SIP में जमा हुआ पैसा इतना बढ़ जाए कि वह आपके द्वारा चुकाए गए कुल ब्याज के बराबर या उससे भी ज्यादा हो.
चलिए एक उदाहरण से समझते हैं:
मान लीजिए, आपने 20 साल के लिए 30 लाख रुपये का होम लोन लिया, जिसकी ब्याज दर 8.25% है.
- आपकी महीने की EMI लगभग 25,562 रुपये बनेगी.
- 20 सालों में आप बैंक को ब्याज के रूप में करीब 31.34 लाख रुपये चुकाएंगे.
अब यहीं पर SIP का जादू काम करता है. अगर आप अपनी EMI के साथ, उसकी रकम का सिर्फ 12% यानी करीब 3,000 रुपये हर महीने किसी अच्छे म्यूचुअल फंड में SIP के जरिए निवेश करना शुरू कर दें.
अगर इस SIP पर आपको औसतन 14-15% का सालाना रिटर्न मिलता है (जो लंबी अवधि में कई म्यूचुअल फंड्स ने दिया है), तो 20 साल बाद आपके पास करीब 39.49 लाख रुपये का फंड तैयार हो सकता है.
नतीजा: आपने ब्याज भरा 31.34 लाख और SIP से कमाया 39.49 लाख! इस तरह न सिर्फ आपने ब्याज का पूरा पैसा वापस पा लिया, बल्कि कुछ रकम बचा भी ली.
क्या यह तरीका हर किसी के लिए सही है?
यह सुनने में जितना आसान लगता है, इसमें कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना भी उतना ही अहम है:
- बाजार का जोखिम: SIP में मिलने वाला रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है. यह जरूरी नहीं कि आपको हमेशा 14-15% का ही रिटर्न मिले. यह कम या ज्यादा भी हो सकता है.
- लंबी अवधि और अनुशासन: इस तरीके का फायदा तभी मिलता है, जब आप लंबे समय तक बिना रुके और अनुशासन के साथ अपनी SIP जारी रखते हैं
- सही फंड का चुनाव: सबसे जरूरी है कि आप एक ऐसे म्यूचुअल फंड का चुनाव करें, जिसका पिछला प्रदर्शन अच्छा रहा हो और जो आपके वित्तीय लक्ष्यों के हिसाब से सही हो.
यह कोई गारंटी वाली स्कीम नहीं है, बल्कि एक स्मार्ट फाइनेंशियल प्लानिंग है. अगर आप थोड़ा जोखिम उठाने को तैयार हैं और लंबी अवधि तक निवेशित रह सकते हैं, तो यह तरीका आपके होम लोन के बोझ को काफी हद तक कम कर सकता है.
--Advertisement--