Shiva's Invisible lingam: यहां पुजारी भी नहीं छूते शिवलिंग तमिलनाडु के वायलूर मंदिर का अजूबा रहस्य

Post

News India Live, Digital Desk: Shiva's Invisible lingam: दक्षिण भारत में, तमिलनाडु राज्य के कांचीपुरम से करीब 12 किलोमीटर दूर, श्रीकलाहस्ती और कांचीपुरम के बीच स्थित वायलूर में भगवान शिव का एक बेहद अद्भुत और चमत्कारी मंदिर है, जो अपने अनोखे रहस्यों के लिए जाना जाता है। इस मंदिर को वायलूर शिवालय या वायु-तत्त्व का प्रतीक माना जाता है। हिंदू धर्मशास्त्रों में, शिव के पंचभूत लिंगों में से यह वायु-तत्व का प्रतिनिधित्व करता है, जहां शिवलिंग साक्षात् वायु के रूप में मौजूद माना जाता है।

इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां स्थापित शिवलिंग को कोई भी पुजारी या भक्त स्पर्श नहीं कर सकता। इसे अछूता रखने के पीछे यह विश्वास है कि स्वयं भगवान वायु यहां लिंग के रूप में विराजमान हैं, और किसी भी मनुष्य का स्पर्श इस पवित्र ऊर्जा में व्यवधान डाल सकता है। यही कारण है कि यह शिवलिंग हवा की ही तरह अदृश्य ऊर्जा के रूप में मौजूद माना जाता है, जिसे केवल अनुभव किया जा सकता है।

इस मंदिर का एक और आश्चर्यजनक पहलू यह है कि जहां सामान्यतः ग्रहण के दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं, वहीं इस मंदिर में ग्रहण काल के दौरान भी द्वार खुले रहते हैं। मान्यता है कि यह स्थान ग्रहण के नकारात्मक प्रभावों से अछूता रहता है, और श्रद्धालु इस दौरान भी यहां आकर बिना किसी भय के भगवान के दर्शन और पूजा कर सकते हैं। यह इसे और भी अद्वितीय और रहस्यमय बनाता है।

माना जाता है कि यह मंदिर आध्यात्मिक ऊर्जा से ओत-प्रोत है और यहां आकर भक्तों को विशेष शांति और ईश्वरीय अनुभूति होती है। यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि अपनी अनूठी विशेषताओं के कारण यह आस्था और आश्चर्य का केंद्र बना हुआ है, जिसे समझने के लिए केवल अनुभव ही पर्याप्त हो सकता है।

--Advertisement--