Shimla : हिमाचल प्रदेश के 100 सरकारी स्कूल अब CBSE से जुड़ेंगे ,टीचर्स को मिलेगी ख़ास ट्रेनिंग, बच्चों को ये बड़े फ़ायदे

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News India Live, Digital Desk: हिमाचल प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा और क्रांतिकारी बदलाव आने वाला है. राज्य सरकार ने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने और उनकी भविष्य की संभावनाओं को चमकाने के लिए एक महत्वपूर्ण फ़ैसला लिया है. अब हिमाचल प्रदेश के 100 सरकारी स्कूल सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) से जुड़ने जा रहे हैं. यह न केवल छात्रों के लिए बेहतर शिक्षा के रास्ते खोलेगा, बल्कि शिक्षकों को भी ख़ास ट्रेनिंग मिलेगी ताकि वे नई शिक्षा प्रणाली के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकें.

तो क्या है यह पूरी योजना, क्यों CBSE से जुड़ने का फैसला लिया गया और इससे छात्रों व शिक्षकों को क्या फ़ायदे मिलेंगे? आइए जानते हैं.

हिमाचल के सरकारी स्कूलों को CBSE से जोड़ने का प्लान:

हिमाचल प्रदेश सरकार का उद्देश्य राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को राष्ट्रीय स्तर पर लाना है. मुख्यमंत्री ने हाल ही में शिक्षा विभाग को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के 100 ऐसे सरकारी स्कूलों को पहचाना जाए, जहाँ इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा है और बच्चों की संख्या भी ठीक है. इन स्कूलों को सीधे CBSE से जोड़ा जाएगा. इसका मतलब है कि अब इन स्कूलों में CBSE बोर्ड का पाठ्यक्रम और परीक्षा प्रणाली लागू होगी. यह कदम केंद्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत भी उठाया गया है, जिसका लक्ष्य पूरे देश में शिक्षा की एकरूपता और गुणवत्ता लाना है.

शिक्षकों को मिलेगी ख़ास ट्रेनिंग:

यह बदलाव केवल पाठ्यक्रम तक ही सीमित नहीं होगा, बल्कि शिक्षकों के लिए भी नए अवसर लाएगा.

  • एडवांस ट्रेनिंग: CBSE से जुड़ने के बाद इन स्कूलों के शिक्षकों को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी. यह ट्रेनिंग उन्हें CBSE के पाठ्यक्रम, मूल्यांकन प्रणाली (evaluation system) और नए शिक्षण-प्रशिक्षण के तरीक़ों से अवगत कराएगी.
  • क्षमता विकास: इस ट्रेनिंग से शिक्षकों की दक्षता (efficiency) बढ़ेगी, जिससे वे छात्रों को बेहतर तरीके से पढ़ा पाएँगे. नई तकनीक और मॉडर्न टीचिंग मेथड्स सीखने का मौका मिलेगा.

छात्रों को क्या होंगे बड़े फ़ायदे?

  1. राष्ट्रीय स्तर की पहचान: CBSE भारत में एक मान्यता प्राप्त और लोकप्रिय बोर्ड है. इस बोर्ड से पढ़कर निकलने वाले छात्रों को देश के किसी भी हिस्से में आगे की शिक्षा या करियर बनाने में आसानी होगी.
  2. मानकीकृत शिक्षा: CBSE का पाठ्यक्रम अधिक मानकीकृत और आधुनिक है, जिससे छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं (competitive exams) में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिलेगी.
  3. शिक्षण की बेहतर गुणवत्ता: जब शिक्षक प्रशिक्षित होंगे, तो बच्चों को सीखने का बेहतर माहौल मिलेगा. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से छात्रों का बौद्धिक और सर्वांगीण विकास होगा.
  4. रोजगार के अवसर: CBSE की मान्यता से छात्रों के लिए देश भर के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों और नौकरियों के दरवाज़े खुलेंगे.

यह एक बड़ा कदम है, जिससे हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चों को भविष्य में कई बेहतर अवसर मिलेंगे. यह दर्शाता है कि राज्य सरकार शिक्षा के प्रति कितनी गंभीर है और इसे ऊँचे स्तर पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है.

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