Shastra Rules : सुबह का यह पवित्र समय, पति-पत्नी भूलकर भी न करें यह एक गलती, वरना घर में आ सकती है दरिद्रता

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News India Live, Digital Desk : हिंदू धर्म और शास्त्रों में दिन के हर पहर और हर कार्य के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। खासकर दिन की शुरुआत यानी ब्रह्म मुहूर्त को तो सबसे पवित्र और ऊर्जावान समय माना गया है। यह वह 'अमृत वेला' है, जब प्रकृति एक नई और सकारात्मक ऊर्जा से भरी होती है। लेकिन आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम कई बार अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जो न सिर्फ शास्त्र विरुद्ध हैं, बल्कि हमारे जीवन पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।

ऐसी ही एक गलती पति-पत्नी के शारीरिक संबंधों से जुड़ी है, जिसे लेकर शास्त्रों में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।

क्यों है ब्रह्म मुहूर्त इतना खास?

ब्रह्म मुहूर्त का समय सूर्योदय से लगभग डेढ़ घंटा पहले का होता है। इस समय को 'देवताओं का समय' भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दौरान वातावरण में एक दिव्य ऊर्जा का संचार होता है। इसीलिए हमारे ऋषि-मुनि और शास्त्र इस समय को ईश्वर की भक्ति, ध्यान, योग, पूजा-पाठ और ज्ञान अर्जित करने के लिए सबसे उत्तम मानते हैं। इस समय किया गया कोई भी आध्यात्मिक कार्य व्यक्ति के तन, मन और आत्मा को शुद्ध करता है और उसे सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है।

ब्रह्म मुहूर्त में शारीरिक संबंध: शुभ या अशुभ?

अब आते हैं सबसे बड़े सवाल पर। शास्त्रों में ब्रह्म मुहूर्त को आत्मिक और दैवीय उन्नति का समय बताया गया है। वहीं, पति-पत्नी के बीच शारीरिक संबंध को एक सांसारिक और तामसिक क्रिया माना गया है।

शास्त्रों के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त में शारीरिक संबंध बनाना पूरी तरह से वर्जित और अशुभ माना गया है।

इसे एक 'राक्षसी प्रवृत्ति' की क्रिया माना जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति उस दिव्य ऊर्जा को ग्रहण नहीं कर पाता जो इस समय ब्रह्मांड में व्याप्त होती है।

क्या हो सकते हैं इसके नकारात्मक परिणाम?

मान्यताओं के अनुसार, इस पवित्र समय में इस नियम का उल्लंघन करने से जीवन पर कई तरह के बुरे प्रभाव पड़ सकते हैं:

  • नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश: इस समय शारीरिक संबंध बनाने से घर और शरीर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो मानसिक अशांति और कलह का कारण बनती है।
  • स्वास्थ्य को नुकसान: ऐसा माना जाता है कि इस नियम को तोड़ने से व्यक्ति का बल, बुद्धि और तेज (औरा) क्षीण होता है। यह कई तरह की शारीरिक बीमारियों को भी न्योता दे सकता है।
  • दरिद्रता का कारण: ब्रह्म मुहूर्त का अपमान करना एक तरह से देवी-देवताओं का अपमान करने जैसा है। इससे मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं और घर में आर्थिक तंगी व दरिद्रता का वास हो सकता है।

क्या है सही समय?

शास्त्रों में पति-पत्नी के मिलन के लिए रात्रि का समय, विशेषकर रात का पहला पहर, सबसे उपयुक्त बताया गया है।

इसलिए, एक सुखी, स्वस्थ और समृद्ध जीवन के लिए यह जरूरी है कि हम अपनी दिनचर्या को शास्त्रों के इन नियमों के अनुसार ढालने का प्रयास करें। ब्रह्म मुहूर्त की पवित्रता को समझें और इसका उपयोग अपनी आत्मिक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए करें।

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