Schools closed in Manipur : मणिपुर में बाढ़ और भूस्खलन का क़हर, स्कूल-कॉलेज बंद, राजधानी इंफाल में घुसा पानी
News India Live, Digital Desk: मणिपुर में पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश अब आफत बनकर बरस रही है। भारी बारिश के कारण राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ और भूस्खलन (Landslide) की गंभीर स्थिति बन गई है, जिससे आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। हालात की गंभीरता को देखते हुए, राज्य सरकार ने छात्रों की सुरक्षा के मद्देनजर सभी स्कूलों और कॉलेजों को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया है।
राजधानी इंफाल में बाढ़ से हाहाकार
बारिश का सबसे ज्यादा असर राजधानी इंफाल और उसके आसपास के इलाकों में देखने को मिल रहा है। इंफाल नदी (Imphal River) समेत कई प्रमुख नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिससे उनका पानी शहर के कई रिहायशी इलाकों और महत्वपूर्ण संस्थानों में घुस गया है।
बाढ़ का सबसे भयावह मंजर राज्य के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक, जेएनआईएमएस (जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान) में देखने को मिला, जहां अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर पानी भरने से मरीजों को नावों के जरिए सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना पड़ा। इसके अलावा, कई सरकारी दफ्तरों, बाजारों और हजारों घरों में पानी घुसने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार ने क्यों बंद किए स्कूल-कॉलेज?
राज्य सरकार ने यह फैसला छात्रों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लिया है।
- भूस्खलन का खतरा: पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश से भूस्खलन का खतरा भी बढ़ गया है, जो कि एक बड़ा जोखिम है।
- राहत कार्यों में तेजी: स्कूल-कॉलेजों को बंद करने से प्रशासन को राहत और बचाव कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने में भी मदद मिलेगी।
शिक्षा निदेशक (स्कूल) एल. नंदकुमार सिंह द्वारा जारी आदेश के अनुसार, "राज्य में खराब मौसम की स्थिति और छात्रों की सुरक्षा के लिए, मणिपुर के सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूल तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक बंद रहेंगे।"
बचाव और राहत कार्य जारी
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) और स्थानीय प्रशासन की टीमें बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और उन तक खाने-पीने का सामान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
मणिपुर इस समय दोहरी मार झेल रहा है। एक तरफ राज्य पहले से ही जातीय हिंसा की चुनौती से जूझ रहा था और अब इस प्राकृतिक आपदा ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
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