Sawan 2025: महादेव को रुद्राभिषेक से ऐसे करें प्रसन्न, जानें पूजा की संपूर्ण विधि और शुभ मुहूर्त

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News India Live, Digital Desk: Sawan 2025: भोलेनाथ की भक्ति का पवित्र महीना सावन निकट आ रहा है, और इस दौरान भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है। मान्यता है कि रुद्राभिषेक भगवान शिव के रौद्र रूप 'रुद्र' को समर्पित एक अत्यंत शक्तिशाली अनुष्ठान है। इसे करने से महादेव अपने भक्तों पर शीघ्र प्रसन्न होते हैं और उन्हें असीम कृपा प्रदान करते हैं। जीवन में सुख-शांति, समृद्धि, मनोकामनाओं की पूर्ति और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए रुद्राभिषेक को सबसे प्रभावी उपाय माना जाता है। यह व्यक्ति के ग्रह दोषों को शांत कर उसे सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति दिलाता है।

रुद्राभिषेक करने के लिए सर्वप्रथम स्वच्छ मन से शिव मंदिर जाएं या घर पर ही शिवलिंग स्थापित करें। पूजा सामग्री में गंगाजल, गाय का दूध, दही, घी, शहद, चीनी, गन्ने का रस, सुगंधित इत्र, फूल, बेलपत्र, धतूरा, भांग, शमी पत्र, चंदन और अक्षत अवश्य रखें। शुभ मुहूर्त में पूजा शुरू करें। एक स्वच्छ पात्र में जल लेकर शिवलिंग पर अभिषेक आरंभ करें। इसके बाद बारी-बारी से दूध, दही, घी, शहद, चीनी और गन्ने के रस से अभिषेक करते जाएं। हर अभिषेक के साथ 'ॐ नमः शिवाय' या महामृत्युंजय मंत्र का निरंतर जाप करते रहें। अभिषेक पूर्ण होने पर शिवलिंग को शुद्ध जल से धोकर चंदन, बेलपत्र, धतूरा, भांग और अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें। दीपक जलाएं और भोग लगाएं। अंत में आरती कर क्षमा प्रार्थना करें।

शास्त्रों में विभिन्न पदार्थों से किए जाने वाले अभिषेक के भिन्न-भिन्न फल बताए गए हैं; जैसे, जल से अभिषेक करने पर अच्छी बारिश होती है, दूध से सुख-शांति और संतान की प्राप्ति होती है, जबकि शहद से आर्थिक समृद्धि आती है। रोग-दोष मुक्ति के लिए गन्ने के रस और ग्रह दोष शांति के लिए सरसों के तेल का अभिषेक श्रेष्ठ माना गया है। घी से अभिषेक करने पर व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ होता है और लंबी आयु प्राप्त होती है। दही से अभिषेक करने से विवाह संबंधी परेशानियाँ दूर होती हैं और योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है। सावन माह के सभी सोमवार रुद्राभिषेक के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं, हालांकि पंचांग के अनुसार कुछ विशिष्ट तिथियों और मुहूर्तों में यह और भी फलदायी होता है।

मान्यता है कि सावन के दौरान विधि-विधान से किया गया रुद्राभिषेक महादेव को अति प्रसन्न करता है, जिससे भक्तों को आध्यात्मिक और भौतिक दोनों तरह की सफलताएँ प्राप्त होती हैं। यह न केवल वर्तमान जीवन के कष्टों को हरता है, बल्कि भविष्य के मार्ग भी प्रशस्त करता है।

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