Saphala Ekadashi 2025: सफलता चाहिए? तो भगवान विष्णु के इस खास दिन को मत भूलना, बस ये गलतियां करने से बचें
News India Live, Digital Desk : हम सब जीवन में क्या चाहते हैं? एक ही जवाब होगा "सफलता" (Success)। चाहे वो नौकरी हो, बिजनेस हो या घर-परिवार की खुशहाली। हम मेहनत तो पूरी करते हैं, लेकिन कई बार किस्मत साथ नहीं देती और काम बनते-बनते बिगड़ जाते हैं।
हिन्दू धर्म और हमारे शास्त्रों में एक ऐसा दिन बताया गया है जो खासतौर पर "सफलता" दिलाने के लिए ही बना है। इसका नाम ही ह 'सफला एकादशी' (Saphala Ekadashi)।
पौष माह (Pausha Month) के कृष्ण पक्ष में आने वाली यह एकादशी अपने नाम की तरह ही काम करती है। मान्यता है कि जो इंसान सच्चे दिल से यह व्रत करता है, भगवान विष्णु (Lord Vishnu) उसके हर काम को 'सफल' कर देते हैं। लेकिन ठहरिये! एकादशी का व्रत जितना फलदायी है, इसके नियम उतने ही कड़े हैं। अनजाने में की गई एक छोटी सी गलती भी आपकी पूजा को बेकार कर सकती है।
आइए, बिल्कुल आसान भाषा में समझते हैं कि सफला एकादशी पर क्या करें और किन गलतियों से बचें।
सफला एकादशी क्यों है इतनी खास?
सीधी बात है— इसका नाम 'सफला' इसीलिए है क्योंकि यह आपके कार्यों को सिद्ध करती है। पद्म पुराण में कहा गया है कि बड़े-बड़े यज्ञ करने से भी उतना पुण्य नहीं मिलता, जितना इस एक एकादशी का व्रत रखने से मिलता है। यह व्रत 2025 के जाते-जाते आपकी झोली खुशियों से भर सकता है।
भूलकर भी न करें ये गलतियां (Dos and Don'ts)
अगर आप व्रत रख रहे हैं, या नहीं भी रख रहे, तो भी इस पवित्र दिन इन बातों का ध्यान जरूर रखें:
- चावल से करें तौबा (Avoid Rice):
सबसे पहली और ज़रूरी बात—एकादशी के दिन चावल (Rice) खाना सख्त मना है। चाहे आप व्रत हों या न हों, इस दिन चावल का त्याग करें। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन चावल खाने से मन चंचल होता है और एकाग्रता (Focus) टूटती है। - तामसिक भोजन को कहें 'ना':
इस दिन घर में सात्विकता होनी चाहिए। मांस-मदिरा तो बहुत दूर की बात है, कोशिश करें कि इस दिन घर में लहसुन और प्याज (Garlic and Onion) वाला खाना भी न बने। सादा भोजन ही प्रभु को प्रिय है। - दिन में सोना मना है:
छुट्टी का दिन हो सकता है, लेकिन अगर आप व्रत हैं, तो दिन में सोने से बचें। कहते हैं दिन में सोने से व्रत का फल कम हो जाता है। इसके बजाय, अपना समय भगवान का नाम लेने या 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय' का जाप करने में बिताएं। - काले कपड़े न पहनें:
पूजा-पाठ के दौरान काले रंग के कपड़े पहनने से बचें। पीला रंग भगवान विष्णु का प्रिय है। तो क्यों न इस दिन पीले वस्त्र (Yellow Clothes) पहनकर उनकी आराधना की जाए? - तुलसी के साथ 'ये' न करें:
एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा तुलसी (Tulsi) के बिना अधूरी है। लेकिन याद रखें, एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़े जाते। इसलिए पूजा के लिए पत्ते एक दिन पहले (दशमी को) ही तोड़कर रख लें।
व्रत का सही तरीका क्या है? (Puja Vidhi)
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सूर्य देव को जल दें।
- भगवान विष्णु या उनके अवतार श्री कृष्ण की मूर्ति के सामने घी का दीपक जलाएं।
- उन्हें पीले फूल, फल और पंचामृत का भोग लगाएं।
- एकादशी की कथा (Vrat Katha) जरूर सुनें या पढ़ें। इसके बिना व्रत पूरा नहीं माना जाता।
- अगले दिन यानी द्वादशी को किसी जरूरतमंद को भोजन या दान देकर ही व्रत खोलें (पारण करें)।
जाते-जाते एक 'सीक्रेट' बात
सफला एकादशी की रात को 'जागरण' का बहुत महत्व है। अगर हो सके, तो रात में भजन-कीर्तन करें। माना जाता है कि जो भक्त इस रात जागकर भगवान को याद करते हैं, उनके जन्मों-जन्मों के पाप धुल जाते हैं और उन्हें हर क्षेत्र में सफलता (Success) मिलती है।
तो दोस्तों, इस सफला एकादशी पर अपनी किस्मत का दरवाजा खटखटाइये। नियम मानिये, शुद्ध रहिये और देखिए कैसे 2025 में आपके सारे रुके काम दौड़ने लगेंगे!
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