Rural Bus Service : अब नहीं चलना होगा पैदल, छत्तीसगढ़ के गांव-गांव पहुंचेगी बस, सरकार ने शुरू की ग्रामीण बस सेवा योजना

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News India Live, Digital Desk: Rural Bus Service : छत्तीसगढ़ के दूर-दराज और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लाखों लोगों के लिए अब शहर पहुंचना आसान होने वाला है। राज्य की विष्णु देव साय सरकार ने 'मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सुविधा योजना' को हरी झंडी दे दी है, जिसका मकसद उन गांवों तक सरकारी परिवहन की सुविधा पहुंचाना है, जहां अब तक बसों की कोई व्यवस्था नहीं थी। इस योजना से न सिर्फ गांव और शहर के बीच की दूरी कम होगी, बल्कि लोगों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

पहले चरण में बस्तर और सरगुजा पर फोकस

इस योजना की शुरुआत सबसे पहले प्रदेश के आदिवासी बहुल और दूरस्थ इलाकों से की जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जगदलपुर से इन बसों को हरी झंडी दिखाई। पहले चरण में बस्तर और सरगुजा संभाग के लगभग 100 चिन्हित ग्रामीण रूटों पर बसें चलाई जाएंगी। इसके तहत, 34 बसें 34 अलग-अलग रूटों पर चलेंगी, जो 11 जिलों के करीब 250 गांवों को आपस में जोड़ेंगी।

बस ऑपरेटरों के लिए भी फायदेमंद है योजना

सरकार ने इस योजना को सफल बनाने के लिए बस ऑपरेटरों को भी कई तरह की रियायतें दी हैं:

  • टैक्स में छूट: योजना के तहत ग्रामीण रूटों पर बस चलाने वाले ऑपरेटरों को 3 साल तक मासिक टैक्स में पूरी छूट दी जाएगी।
  • वित्तीय सहायता: सरकार बस मालिकों को प्रति किलोमीटर के हिसाब से सब्सिडी भी देगी। यह सब्सिडी पहले साल 26 रुपये, दूसरे साल 24 रुपये और तीसरे साल 22 रुपये प्रति किलोमीटर होगी।
  • स्थानीय लोगों को प्राथमिकता: बस चलाने का परमिट स्थानीय निवासियों को ही दिया जाएगा, जिसमें अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), महिलाओं और नक्सल प्रभावित क्षेत्र के लोगों को प्राथमिकता मिलेगी।

किसे मिलेगी किराए में छूट और फ्री सफर?

इस योजना में आम लोगों की सुविधा का भी खास ध्यान रखा गया है:

  • फ्री सफर: 80 साल से ज़्यादा उम्र के बुज़ुर्ग, दृष्टिहीन, बौद्धिक और शारीरिक रूप से दिव्यांग व्यक्ति और एड्स पीड़ितों को अपने एक सहायक के साथ बस में सफर करने पर कोई किराया नहीं देना होगा।
  • आधा किराया: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बस किराए में 50% की छूट दी जाएगी।

योजना का मकसद

इस योजना का मुख्य उद्देश्य गांवों में रहने वाले किसानों, मजदूरों, छात्रों और छोटे व्यापारियों को जनपद, तहसील और जिला मुख्यालयों से जोड़ना है। इससे उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और रोजगार के लिए शहरों तक आने-जाने में आसानी होगी। सरकार का मानना है कि यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और सामाजिक-आर्थिक समानता लाने में मील का पत्थर साबित होगी।

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