Rupee Record Low : डॉलर के आगे घुटने टेक रहा है रुपया, फिर भी भारत की तरक्की देख दुनिया क्यों है हैरान
News India Live, Digital Desk : पिछले कुछ दिनों से आप अखबारों और टीवी पर एक ही हेडलाइन देख रहे होंगे"रुपया ऐतिहासिक गिरावट पर", "डॉलर हुआ और महंगा", "भारतीय करेंसी आईसीयू (ICU) की तरफ!" सुनकर किसी को भी डर लग सकता है। हमारे दिमाग में यही सेट है कि अगर देश की करेंसी गिर रही है, मतलब देश गर्त में जा रहा है।
लेकिन रुकिए! कहानी का एक दूसरा पहलू भी है जो आपको चौका देगा।
जहाँ एक तरफ रुपया डॉलर के मुकाबले लुढ़क रहा है, वहीं दूसरी तरफ भारत की अर्थव्यवस्था (Economy) दुनिया में सबसे तेज दौड़ने वाले घोड़े की तरह सरपट भाग रही है। यह सुनने में अजीब लगता है न? कि जब सिक्का कमजोर हो रहा है तो बाजार और जीडीपी कैसे मजबूत है? आइए, इस पहेली को बहुत आसान भाषा में सुलझाते हैं।
1. रुपया कमजोर है, या डॉलर 'बाहुबली' बन गया है?
सबसे पहले यह समझना जरुरी है कि यह सिर्फ रुपये की कमजोरी नहीं है। अमेरिका का डॉलर (Dollar) इस वक्त 'स्टेरॉयड' खाकर बैठा है। अमेरिका में ब्याज दरें और उनकी नीतियां ऐसी चल रही हैं कि दुनिया भर का पैसा खिंचकर डॉलर में जा रहा है।
सिर्फ भारत ही नहीं, जापान का येन (Yen), ब्रिटेन का पाउंड और यूरो—सब डॉलर के आगे पानी मांग रहे हैं। मतलब, गलती हमारे खिलाड़ी (रुपये) की उतनी नहीं है, जितनी सामने वाले (डॉलर) की ताकत की है।
2. अर्थव्यवस्था 'बूम' क्यों कर रही है?
अब आते हैं गुड न्यूज़ पर। रुपया गिरने के बावजूद, भारत के घर का सिस्टम बहुत मजबूत है।
- हमारा अपना बाजार: दुनिया मंदी से डरी हुई है, लेकिन भारत में लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं। गाड़ियां बिक रही हैं, मकान बन रहे हैं, और त्योहारों पर रिकॉर्ड बिक्री हो रही है। हमारी 'घरेलू मांग' (Domestic Demand) इतनी तगड़ी है कि हमें बाहर के उतार-चढ़ाव से ज्यादा फर्क नहीं पड़ रहा।
- मैन्युफैक्चरिंग: 'मेक इन इंडिया' का असर अब दिख रहा है। फैक्ट्रियों में काम तेजी से चल रहा है।
- GST और टैक्स: सरकार की कमाई रिकॉर्ड तोड़ रही है, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर (सड़क, पुल) पर पैसा खर्च हो रहा है।
3. क्या आपको चिंता करनी चाहिए?
अब आप सोच रहे होंगे, "भाई, ये सब तो ठीक है, पर मेरी जेब पर क्या असर होगा?"
सच बात तो ये है कि गिरते रुपये के दो पहलू होते हैं:
- नुकसान: जो चीजें हम बाहर से मंगाते हैं (जैसे कच्चा तेल, महँगे इलेक्ट्रॉनिक्स, विदेश पढ़ाई), वो महंगी हो सकती हैं। इससे थोड़ी महंगाई बढ़ सकती है।
- फायदा: जो हम बेचते हैं (एक्सपोर्ट), उसमें फायदा होता है। हमारी आईटी (IT) कंपनियों, टेक्सटाइल और दवा कंपनियों को डॉलर महंगा होने से मोटा मुनाफा होता है, जिससे देश में पैसा और नौकरियां आती हैं।
4. आरबीआई (RBI) क्या कर रहा है?
हमारे पास रिजर्व बैंक नाम का एक मजबूत 'गोलकीपर' खड़ा है। आरबीआई के पास विदेशी मुद्रा का इतना बड़ा भंडार (Forex Reserves) है कि वो रुपये को पूरी तरह डूबने नहीं देगा। वो बस बाजार को थोड़ा बैलेंस कर रहा है।
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