देश की हर मुसीबत की जड़ में RSS है, इस पर बैन लगना चाहिए PM मोदी पर भड़के खरगे
News India Live, Digital Desk : लोकसभा चुनाव 2026 की जमीन तैयार होने के साथ ही देश की राजनीति में जुबानी जंग तेज हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर अब तक का सबसे सीधा और सबसे तीखा हमला बोला है। उन्होंने RSS को देश की "हर मुसीबत की जड़" बताते हुए उस पर प्रतिबंध (बैन) लगाने की मांग कर डाली है, जिससे राष्ट्रीय राजनीति में एक बड़ा भूचाल आ गया है।
"RSS ही असली जहर है"
एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष अपने पूरे रौ में नजर आए। उन्होंने कहा कि बीजेपी तो सिर्फ एक मुखौटा है, देश को चलाने और नफरत फैलाने की असली विचारधारा तो RSS की है।
खरगे ने कहा, "देश में जितनी भी मुसीबतें हैं, चाहे वो बेरोजगारी हो, महंगाई हो, या समाज में फैलता बंटवारा हो, इन सब की जड़ में RSS है। ये लोग मीठा-मीठा बोलते हैं, लेकिन अंदर से जहर हैं। अगर देश को बचाना है, तो इस जहर को खत्म करना होगा, RSS पर बैन लगाना होगा।"
पीएम मोदी पर किया सीधा हमला, पूछा- "क्या योगदान है आपका?"
खरगे यहीं नहीं रुके। उन्होंने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लेते हुए देश की आजादी में उनके और RSS के योगदान पर सवाल उठाया।
कांग्रेस अध्यक्ष ने गरजते हुए कहा, "आप (मोदी जी) कांग्रेस से 55 साल का हिसाब मांगते हैं। मैं आपसे पूछता हूं, देश को आजाद कराने में आपका और आपकी विचारधारा (RSS) का क्या योगदान था? क्या आपके घर से कोई आजादी की लड़ाई में फांसी पर चढ़ा? कोई जेल गया? अरे, जब हम देश के लिए लड़ रहे थे, तब तो आप लोग अंग्रेजों के साथ खड़े थे!"
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी ने देश की आजादी के लिए कुर्बानियां दी हैं, महात्मा गांधी से लेकर इंदिरा गांधी और राजीव गांधी तक, हमारे नेताओं ने देश के लिए अपनी जान दे दी। खरगे ने कहा, "हम मौत से डरने वाले लोग नहीं हैं।"
क्या हैं इस बयान के मायने?
मल्लिकार्जुन खरगे का यह बयान कांग्रेस की बदली हुई रणनीति की ओर साफ इशारा कर रहा है। अब कांग्रेस रक्षात्मक होने की बजाय सीधे आक्रामक मोड में आ गई है और बीजेपी के वैचारिक स्रोत, यानी RSS पर ही सीधा हमला कर रही है।
- विचारधारा की सीधी लड़ाई: कांग्रेस अब बीजेपी को सिर्फ एक राजनीतिक दल के तौर पर नहीं, बल्कि एक खास विचारधारा के प्रतिनिधि के रूप में देख रही है और उसी विचारधारा पर चोट कर रही है।
- भावनात्मक और ऐतिहासिक मुद्दे उठाना: आजादी की लड़ाई और बलिदानों का जिक्र कर खरगे देश की जनता से भावनात्मक रूप से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
खरगे के इस बेहद आक्रामक बयान के बाद बीजेपी की तरफ से भी तीखी प्रतिक्रिया आना तय है। यह निश्चित रूप से आने वाले दिनों में देश की राजनीति को और ज्यादा गरमाएगा, जहां अब लड़ाई सिर्फ योजनाओं और विकास के दावों पर नहीं, बल्कि विचारधारा और इतिहास पर भी होगी।
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