Road Accident: जयपुर की बारिश ने निगल लिया RAS बनने का सपना 23 साल के होनहार छात्र की दर्दनाक करंट से मौत
News India Live, Digital Desk: Road Accident: इस बार जयपुर की मानसूनी बारिश सिर्फ सड़कों पर पानी नहीं लाई, बल्कि एक परिवार के सारे सपने और दुनिया को बहा ले गई. सोमवार शाम करीब 7 बजे, जब शहर की पॉश कॉलोनी बजाज नगर की गलियों में मूसलाधार बारिश (Jaipur Monsoon Rain) हो रही थी, तब किसी को अंदाज़ा भी नहीं था कि राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) का अफ़सर बनने का सपना संजोया एक नौजवान अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है.
कौन था विकास बिश्नोई, जिसका सपना अधूरा रह गया?
यह कहानी है 23 वर्षीय विकास विश्नोई की, जो राजस्थान के सांचौर के राजीव नगर का रहने वाला था. बीते पांच सालों से जयपुर में रहकर RAS (Rajasthan Administrative Service) अधिकारी बनने का सपना देख रहा था. उसने इसी जुलाई में अपनी बीएड (B.Ed.) की पढ़ाई पूरी की थी और अब पूरी तरह से प्रशासनिक सेवा की तैयारी में जुटा था. जयपुर में उसका ठिकाना बजाज नगर थाने के ठीक पीछे एक सरकारी क्वार्टर था, जो उसके परिचित विष्णु सारस्वत का था. विकास का निधन, सिर्फ उसके परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि हर उस युवा के लिए एक दिल दहला देने वाली घटना है जो बड़े सपने देखता है.
सड़क पर खड़ा 'मौत का पोल': कैसे हुआ दर्दनाक हादसा?
सोमवार शाम को जब पूरा जयपुर शहर मूसलाधार बारिश में भीग रहा था, विकास केंद्रीय विद्यालय-1 (Kendriya Vidyalaya-1) के सामने से गुजर रहा था. वहाँ एक स्ट्रीट लाइट का पोल (Street Light Pole) खड़ा था, जो बाहर से भले ही सीधा-सादा दिखता हो, लेकिन अंदर से 'मौत का करंट' (Electric Current) समेटे हुए था. उसी पोल की चपेट में आने से विकास की दर्दनाक मृत्यु हो गई.
SHO पूनम कुमारी के मुताबिक, पुलिस पेट्रोलिंग (Police Patrolling) के दौरान विकास को बारिश के बहाव में पानी में तैरता हुआ देखा गया. उसे तुरंत जयपुरिया अस्पताल (Jaipuria Hospital) पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने कुछ देर इलाज के बाद उसे मृत घोषित कर दिया.
इत्तेफाक से हुई पहचान, CCTV फुटेज ने खोला राज़
विकास की पहचान भी एक अजब इत्तेफाक से हुई. उसके मोबाइल पर एक कॉल आई, और कॉल करने वाला कोई और नहीं, बल्कि बाड़मेर का उदयराज सिंह (Udayraj Singh) – विकास का ही दोस्त था. उदयराज ने ही इस दर्दनाक हादसे की सूचना घरवालों को दी.
मंगलवार को जब मृतक के मामा कैलाश विश्नोई और चाचा प्रकाश विश्नोई जयपुर पहुंचे, तो उनका दर्द शब्दों में फूट पड़ा. उन्होंने सीधे तौर पर आरोप लगाया – “वह करंट से मरा है, पोल खुले तारों से भरा पड़ा था. ये एक हत्या है, लापरवाही की हत्या!” परिजनों के मुताबिक, विकास के पैर में ऐसा निशान मिला है जो स्पष्ट रूप से करंट लगने का घाव (Electrocution Mark) है, और मौके पर टूटे-बिखरे तार भी खुले पड़े थे.
इन आरोपों को सीसीटीवी फुटेज (CCTV Footage) ने और भी मजबूती दी है. फुटेज में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि विकास पोल के पास खड़ा था, फिर अचानक उसे एक ज़ोरदार झटका लगता है और वह बारिश के पानी में गिर जाता है. इसके बाद सब खामोश हो जाता है.
कौन लेगा जिम्मेदारी? सिस्टम पर उठे सवाल
जयपुर शहर, जो राजस्थान और अन्य राज्यों के हजारों युवाओं को RAS, IAS, RJS बनने जैसे बड़े सपने दिखाने का केंद्र है, इस बार एक युवा का सपना ही निगल गया. सवाल ये उठता है कि किसकी जिम्मेदारी थी ये जांचना कि ऐसे पोल करंट रहित हों? खुले तार किसने छोड़े? पोल में करंट क्यों था? नगर निगम, बिजली विभाग, या कोई और सरकारी एजेंसी – आखिर किसकी लापरवाही ने विकास की जान ली? क्या कोई इस दर्दनाक मौत की जिम्मेदारी लेगा? या फिर यह मामला भी 'जांच जारी है' की फाइल में दबकर रह जाएगा?
विकास तो चला गया, लेकिन वह अपने पीछे ढेरों सवाल छोड़ गया – उसकी किताबें, उसका संघर्ष, RAS बनने का उसका सपना और उसके माँ-बाप की उम्मीदें. जयपुर की इस बारिश ने सिर्फ सड़कों पर पानी नहीं बहाया, बल्कि एक उज्ज्वल भविष्य भी बहा ले गई. क्या अब इस 'लापरवाही की हत्या' के गुनहगारों को सज़ा मिलेगी और कोई इंसाफ की बिजली चमकेगी? या फिर अगले किसी विकास का इंतज़ार किया जाएगा, जिसका सपना इस तरह सिस्टम की अनदेखी का शिकार हो जाएगा?
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