झारखंड में रेड अलर्ट, नक्सलियों के प्रतिरोध सप्ताह को लेकर सुरक्षा बल मुस्तैद
News India Live, Digital Desk: झारखंड में एक बार फिर नक्सली खतरे की घंटी बज उठी है। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) ने 8 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक 'प्रतिरोध दिवस सप्ताह' और इसी दौरान 10 अक्टूबर को 'बंद' का ऐलान किया है। इस ऐलान के बाद पूरे राज्य, खासकर नक्सल प्रभावित इलाकों में, सुरक्षा व्यवस्था को हाई अलर्ट पर कर दिया गया है।
क्यों मना रहे हैं नक्सली यह सप्ताह?
दरअसल, नक्सली यह 'प्रतिरोध सप्ताह' अपने कुछ बड़े कमांडरों के मारे जाने के विरोध में मना रहे हैं। पिछले दिनों सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में माओवादियों के कई बड़े नेता जैसे मिसिर बेसरा, विवेक, अनल दा और असीम मंडल मारे गए थे। अपने इन्हीं साथियों की मौत का बदला लेने और सुरक्षा बलों पर दबाव बनाने के लिए नक्सली हर साल इस तरह का हफ्ता या बंद आयोजित करते हैं।
सुरक्षा बलों की क्या है तैयारी?
नक्सलियों की किसी भी संभावित साज़िश को नाकाम करने के लिए झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ (CRPF) ने कमर कस ली है।
- हाई अलर्ट जारी: राज्य के सभी नक्सल प्रभावित जिलों के पुलिस कप्तानों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
- सघन तलाशी अभियान: जंगलों और सुदूर इलाकों में लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है ताकि नक्सली कहीं इकट्ठा न हो सकें।
- सुरक्षा बढ़ाई गई: रेलवे ट्रैक, पुल-पुलिया, सरकारी दफ्तर और पुलिस चौकियों जैसी संवेदनशील जगहों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस मुख्यालय से अतिरिक्त जवानों को भी इन इलाकों में भेजा गया है।
क्या होता है इस 'बंद' और 'सप्ताह' के दौरान?
नक्सली इस दौरान आम जनजीवन को ठप्प करने की कोशिश करते हैं। वे अक्सर सड़कों को निशाना बनाते हैं, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाते हैं या फिर सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमला करने की फिराक में रहते हैं। यही वजह है कि पुलिस मुख्यालय ने आम लोगों से भी अपील की है कि वे इन दिनों में सावधान रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना फौरन पुलिस को दें।
इस प्रतिरोध सप्ताह और बंद के ऐलान ने जहां एक तरफ प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है, वहीं दूसरी तरफ सुरक्षा बल भी पूरी तरह से तैयार हैं ताकि नक्सलियों के किसी भी मंसूबे को सफल न होने दिया जाए।
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