RBI की रिपोर्ट: 2011 के बाद बैंकों की बचत जमा दरों में रिकॉर्ड गिरावट, फिक्स्ड डिपॉजिट और लोन दरों में भी कमी

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मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी जुलाई 2025 के बुलेटिन के अनुसार, 2011 में बचत जमा दरों को रेगुलेशन-मुक्त (deregulated) किए जाने के बाद से कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) की बचत जमा दरें (Savings Deposit Rates) अपने ऐतिहासिक निम्नतम स्तर (historic low) पर आ गई हैं। यह जानकारी निवेशकों और बैंक ग्राहकों के लिए महत्वपूर्ण है।

बचत खातों पर कम ब्याज:
RBI ने अक्टूबर 2011 में बैंकों को बचत बैंक जमा पर ब्याज दरें खुद तय करने की छूट दी थी। इस छूट के बाद से, कई सरकारी बैंकों की बचत जमा दरों में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है, जो अब तक के सबसे निचले स्तर पर हैं।

फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) दरों में भी गिरावट:
बुलेटिन में यह भी बताया गया है कि सरकारी और प्राइवेट सेक्टर, दोनों के बैंकों में नई जमाओं (New Deposits) पर भारित औसत घरेलू सावधि जमा दरों (Weighted Average Domestic Term Deposit Rates) में भारी गिरावट आई है। फरवरी से मई 2025 के बीच, नई सावधि जमाओं की दरें 0.51% तक गिरीं, जबकि बकाया सावधि जमाओं (Outstanding Term Deposits) की दरें 2% तक कम हुईं।

लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें स्थिर:
सरकार ने इस तिमाही (सितंबर तिमाही) के लिए लघु बचत योजनाओं (Small Savings Schemes) की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। हालांकि, इन योजनाओं पर वर्तमान में मिलने वाली दरें फॉर्मूला-आधारित दरों से 0.33% से 1.18% तक अधिक हैं, जो इन्हें तुलनात्मक रूप से आकर्षक बनाती हैं।

रेपो रेट में कटौती का असर:
RBI द्वारा फरवरी 2025 से नीतिगत रेपो रेट (Repo Rate) में 1% की कटौती के जवाब में, बैंकों ने अपनी रेपो-लिंक्ड बाहरी बेंचमार्क आधारित उधारी दरों (Repo-linked External Benchmark Based Lending Rates) में भी 1% की कटौती की है। इसके साथ ही, कोष की सीमांत लागत आधारित लोन रेट (MCLR) में भी 0.1% की कमी आई है।

लोन (कर्ज) दरों में भी गिरावट:
रेपो रेट में कटौती के परिणामस्वरूप, फरवरी-मई 2025 के दौरान वाणिज्यिक बैंकों की नई लोन (New Loans) पर भारित औसत कर्ज दरें (Weighted Average Lending Rates) 0.26% कम हुईं, जबकि बकाया लोन पर यह दरें 0.18% तक घटीं।

 

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