Rajasthan Updates : चौमूं में ऐसा क्या हुआ कि रातों-रात थम गई जिंदगी? पत्थरबाजी, इंटरनेट बंद और वो तनावभरी रात
News India Live, Digital Desk : जयपुर का चौमूं कस्बा, जो अपनी शांति और व्यापारिक रौनक के लिए जाना जाता है, आज कुछ अलग ही वजहों से चर्चा में है। कल रात की उस घटना ने स्थानीय लोगों को झकझोर दिया है, जिसके बाद अब यहाँ भारी पुलिस बल और सन्नाटे का पहरा है। पत्थरबाजी, पुलिस का लाठीचार्ज और फिर रातों-रात इंटरनेट का बंद होना ये सब किसी फ़िल्म की कहानी जैसा लगता है, लेकिन चौमूं की सड़कों पर ये हकीकत बनकर गुज़रा है।
अचानक कैसे भड़का ये विवाद?
घटना की शुरुआत बहुत ही मामूली बात से हुई थी, लेकिन देखते ही देखते इसने उग्र रूप ले लिया। बताया जा रहा है कि दो पक्षों के बीच शुरू हुई अनबन ने जब साम्प्रदायिक या तनावपूर्ण रंग पकड़ा, तो भीड़ बेकाबू हो गई। गलियों से पत्थर बरसने लगे और माहौल में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस जब स्थिति संभालने पहुँची, तो उपद्रवियों ने उन्हें भी नहीं बख्शा। पत्थरबाजी में कई पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं, जिसके बाद प्रशासन को सख्त कदम उठाना पड़ा।
इंटरनेट बंद और घरों में कैद लोग
अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए प्रशासन ने सबसे पहला और बड़ा हथियार 'इंटरनेट शटडाउन' (Internet Shutdown in Chomu) का इस्तेमाल किया। जैसे ही फोन का डेटा बंद हुआ, लोगों में बेचैनी बढ़ गई। दुकानों के शटर गिर गए और लोग अपने घरों में दुबक गए। किसी को नहीं पता था कि अगली सुबह क्या होगा। इंटरनेट बंद होने से स़िर्फ बातचीत ही नहीं रुकी, बल्कि ऑनलाइन काम करने वाले छोटे दुकानदारों और युवाओं का काम भी ठप पड़ गया।
पुलिस की गश्त और 'शांति' का आश्वासन
आज सुबह जब सूरज निकला, तो शहर में तनाव तो था, लेकिन पुलिस ने हालात पर काबू पा लिया था। आला अधिकारियों ने खुद मोर्चा संभाला और पूरे इलाके में फ्लैग मार्च किया गया। घायल पुलिसकर्मियों का इलाज चल रहा है और प्रशासन की ओर से अब साफ़ संदेश दिया गया है कि कानून हाथ में लेने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। सड़कों पर भारी संख्या में पुलिस के जवानों की तैनाती देखकर अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि हालात को कितनी संजीदगी से लिया जा रहा है।
हमें सोचने की ज़रूरत है
आख़िर एक छोटा सा विवाद इतने बड़े बवाल में कैसे बदल जाता है? चौमूं जैसे कस्बे के लिए, जहाँ हिंदू-मुस्लिम या अलग-अलग समुदाय सालों से मिलजुलकर रहते आए हैं, ऐसी घटनाएं सिर्फ़ कानून व्यवस्था नहीं बल्कि सामाजिक रिश्तों की भी परीक्षा होती हैं। फिलहाल, चौमूं में स्थिति नियंत्रण में है और लोग उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही मोबाइल की घंटी फिर से बजेगी और बाज़ारों की रौनक वापस लौटेगी।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी अधूरी या फर्जी खबर पर यकीन न करें। आज के दौर में शांति बनाए रखना सिर्फ़ पुलिस की नहीं, हम सबकी साझा ज़िम्मेदारी है।
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