Rajasthan Politics: विधानसभा में गूंजी प्रमोद जैन भाया की शपथ, कांग्रेस को मिली नई ऑक्सीजन
News India Live, Digital Desk : राजस्थान की राजनीति (Rajasthan Politics) में आज का दिन कांग्रेस पार्टी और उनके कार्यकर्ताओं के लिए बेहद जोश भरा रहा। जयपुर विधानसभा में एक बार फिर हलचल तेज थी। वजह थी— अंता (Anta) से कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया (Pramod Jain Bhaya) का शपथ ग्रहण।
लंबे इंतज़ार और सियासी उठापटक के बाद, आखिरकार प्रमोद जैन भाया ने विधायक पद की शपथ ले लिया है। उनके सदन में कदम रखते ही कांग्रेस खेमे में एक नई ऊर्जा आ गई है। इसे सिर्फ एक शपथ नहीं, बल्कि विपक्ष (Opposition) का बढ़ता हुआ कद माना जा रहा है।
आइए, बिल्कुल आसान और राजनीतिक भाषा में समझते हैं कि भाया की इस शपथ के मायने क्या हैं और इससे विधानसभा के गणित पर क्या असर पड़ेगा।
विधानसभा में गूंजी शपथ (The Oath Ceremony)
आज जयपुर विधानसभा भवन में स्पीकर (Speaker) ने प्रमोद जैन भाया को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस मौके पर उनके समर्थक और पार्टी के कई बड़े नेता मौजूद थे। जैसे ही उन्होंने रजिस्टर पर साइन किया, यह तय हो गया कि अब सड़क की लड़ाई सदन के अंदर भी और जोर-शोर से लड़ी जाएगी।
कांग्रेस को मिला 'दिग्गज' का साथ
प्रमोद जैन भाया कोई नया चेहरा नहीं हैं। वे अशोक गहलोत सरकार में मंत्री रह चुके हैं और हाड़ौती क्षेत्र में उनकी पकड़ बहुत मजबूत मानी जाती है।
- अनुभव: विपक्ष को सरकार को घेरने लिए अनुभव की ज़रूरत होती है। भाया के पास लंबा अनुभव है, जिससे वे मुद्दों को तर्कों के साथ उठा सकेंगे।
- संख्या बल: लोकतंत्र में सिर गिने जाते हैं। भाया की शपथ के साथ विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या (Numbers) में इज़ाफ़ा हुआ है। एक-एक सीट सदन में वोटिंग के दौरान बहुत मायने रखती है।
भजनलाल सरकार के लिए चुनौती?
सत्ता पक्ष (BJP) के लिए विपक्ष का मजबूत होना हमेशा चुनौती बढ़ाता है। प्रमोद जैन भाया का तेवर आक्रामक रहा है। वे खान और गोपालन जैसे मुद्दों पर अपनी बात बेबाकी से रखते आए हैं।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आने वाले विधानसभा सत्र में कांग्रेस अब और ज्यादा आक्रामकता के साथ सरकार की नीतियों पर सवाल उठाएगी। भाया की 'दहाड़' सदन के माहौल को गर्मा सकती है।
हाड़ौती की राजनीति में उबाल
प्रमोद जैन भाया का अंता सीट से जीतकर सदन में आना हाड़ौती (कोटा, बारां, झालावाड़) की राजनीति के लिए बड़ा संकेत है। यह बीजेपी का गढ़ माना जाता है, और वहां कांग्रेस का मजबूत होना आगामी स्थानीय चुनावों के लिए बड़ा संदेश है।
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