Rajasthan Politics : अंता उपचुनाव में कांग्रेस की जीत, गहलोत बोले भजनलाल सरकार लिटमस टेस्ट में फेल

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News India Live, Digital Desk: राजस्थान में बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज कर सत्तारूढ़ बीजेपी को करारा झटका दिया है। कांग्रेस की इस जीत के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार पर तीखा हमला बोला है। गहलोत ने कहा कि यह सिर्फ एक उपचुनाव का नतीजा नहीं, बल्कि जनता का फैसला है, जिसमें भाजपा सरकार अपने पहले ही 'लिटमस टेस्ट' में बुरी तरह फेल हो गई है।

क्या बोले अशोक गहलोत?

अंता में कांग्रेस की जीत के बाद अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया और प्रेस बयानों के जरिए कहा कि यह जीत कांग्रेस कार्यकर्ताओं की अथक मेहनत और जनता के विश्वास का प्रतीक है। उन्होंने भजनलाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "छह महीने के कार्यकाल में ही जनता भाजपा के कुशासन से त्रस्त हो चुकी है। सरकार ने एक भी ऐसा काम नहीं किया, जिसे वह अपनी उपलब्धि बता सके। हमारी सरकार की योजनाओं को या तो बंद कर दिया गया या कमजोर कर दिया गया, जिसका खामियाजा आम जनता भुगत रही है।"

गहलोत ने आगे कहा कि भाजपा ने इस चुनाव को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी, मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने वहां डेरा डाले रखा, लेकिन जनता ने उनकी नकारात्मक राजनीति को सिरे से खारिज कर दिया। यह जीत इस बात का संकेत है कि आने वाले समय में प्रदेश की जनता बीजेपी को सबक सिखाएगी।

क्यों खास है यह जीत?

अंता विधानसभा सीट पूर्व कृषि मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रमोद जैन भाया के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली हुई थी। कांग्रेस ने यहां से उनके बेटे प्रणव जैन भाया को मैदान में उतारा था, जबकि बीजेपी ने अपने एक पुराने कार्यकर्ता को टिकट दिया था।

कांग्रेस के लिए यह जीत कई मायनों में महत्वपूर्ण है:

  • कार्यकर्ताओं में नया जोश: लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद इस जीत ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार किया है।
  • सरकार के खिलाफ माहौल: यह नतीजा यह दर्शाता है कि महज छह महीने में ही भजनलाल सरकार के खिलाफ सत्ता-विरोधी लहर (एंटी-इनकंबेंसी) का माहौल बनने लगा है।
  • गहलोत की रणनीति: इसे अशोक गहलोत की रणनीति और उनके द्वारा शुरू की गई योजनाओं की लोकप्रियता से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

दूसरी ओर, बीजेपी के लिए यह हार एक बड़ी चेतावनी है। लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद इस उपचुनाव में मिली हार ने पार्टी के आत्मविश्वास को झटका दिया है और यह संकेत दिया है कि उसे आत्ममंथन करने की जरूरत है।

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