Rajasthan Cyber Fraud : अब कोर्ट के समन और 'गिरफ्तारी वारंट' के नाम पर हो रही है ऑनलाइन ठगी
News India Live, Digital Desk : Rajasthan Cyber Fraud : आजकल साइबर अपराधी इतने शातिर हो गए हैं कि वे आम आदमी के सबसे बड़े डर को ही अपना हथियार बना रहे हैं—और वह डर है कानून का। राजस्थान समेत पूरे देश में साइबर ठगी का एक नया और बेहद खतरनाक तरीका सामने आया है, जिसमें ठग आपको पुलिस या कोर्ट के नाम पर डराकर आपकी मेहनत की कमाई लूट रहे हैं।
राजस्थान पुलिस की साइबर सेल ने इस नए फ्रॉड को लेकर एक बड़ा अलर्ट जारी किया है। अब ठग लोगों को वॉट्सऐप (WhatsApp) और ईमेल पर फर्जी अदालती समन (Fake Court Summons), गिरफ्तारी वारंट (Arrest Warrant) और कानूनी नोटिस भेज रहे हैं। ये नोटिस देखने में इतने असली लगते हैं कि कोई भी एक पल के लिए घबरा सकता है।
कैसे काम करता है यह पूरा फ्रॉड?
साइबर ठगों का यह नया जाल बहुत ही सुनियोजित है, जिसका मकसद सिर्फ और सिर्फ आपके मन में खौफ पैदा करना है।
- डरावनी भाषा का इस्तेमाल: इस नोटिस में बहुत ही गंभीर भाषा का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें लिखा होता है कि आपके खिलाफ फलां मामले में शिकायत दर्ज हुई है और अगर आपने तुरंत संपर्क नहीं किया तो आपको गिरफ्तार कर लिया जाएगा या आपकी संपत्ति जब्त हो जाएगी।
- पैसों की मांग या लिंक पर क्लिक: आपको डराने के बाद, ये ठग मामला "रफा-दफा" करने या "ऑनलाइन जुर्माना" भरने का झांसा देते हैं। वे या तो आपसे सीधे किसी खाते में पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहते हैं या फिर एक लिंक भेजकर उस पर क्लिक करने को कहते हैं। जैसे ही आप पैसे भेजते हैं या लिंक पर क्लिक करते हैं, आपका बैंक खाता खाली हो सकता है या आपका फोन हैक हो सकता है।
कोर्ट कभी वॉट्सऐप पर समन नहीं भेजता, यही है सबसे बड़ा सच
राजस्थान पुलिस ने अपनी एडवाइजरी में साफ कहा है कि इस फ्रॉड से बचने का सबसे आसान तरीका यह जानना है कि कानून काम कैसे करता है।
यह बात गांठ बांध लीजिए: भारत की कोई भी अदालत वॉट्सऐप या सामान्य ईमेल के जरिए आधिकारिक समन, नोटिस या गिरफ्तारी वारंट नहीं भेजती है। कानूनी प्रक्रिया के तहत, ऐसे दस्तावेज हमेशा रजिस्टर्ड डाक से भेजे जाते हैं या पुलिस/अदालत का कर्मचारी खुद तामील (Serve) कराता है।
अगर आपके पास ऐसा मैसेज आए तो क्या करें?
अगर आपको भी ऐसा कोई डराने वाला मैसेज मिलता है, तो आपको घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। बस कुछ बातों का ध्यान रखें:
- किसी भी लिंक पर क्लिक न करें: अनजान सोर्स से आए किसी भी लिंक को भूलकर भी न खोलें।
- पैसे बिल्कुल न भेजें: कोई भी सरकारी विभाग आपसे इस तरह ऑनलाइन पैसे नहीं मांगता।
- नंबर को ब्लॉक और रिपोर्ट करें: उस नंबर को तुरंत वॉट्सऐप पर ब्लॉक करें और रिपोर्ट करें।
- साइबर पुलिस को सूचना दें: तुरंत राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर इसकी शिकायत करें।
यह जानकारी अपने परिवार के सदस्यों, खासकर बड़े-बुजुर्गों के साथ जरूर शेयर करें, क्योंकि वे आसानी से ऐसे झांसे में आ सकते हैं। आपकी एक छोटी सी सावधानी आपको बड़ी मुसीबत से बचा सकती है।
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