उत्तर भारत में बारिश और बाढ़ का कहर, 500 लोगों की जिंदगी छीन ले गया सैलाब

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इस साल मानसून की बारिश उत्तर भारत के कई इलाकों के लिए जीवनदायिनी नहीं, बल्कि एक बहुत बड़ी आफत बनकर आई। पहाड़ों की शांत और खूबसूरत वादियों में बारिश ने ऐसी तबाही मचाई है, जिसकी भरपाई करने में शायद सालों लग जाएंगे। खासकर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब ने इस कुदरती कहर का सबसे दर्दनाक रूप देखा है।

जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, वे किसी का भी दिल दहलाने के लिए काफी हैं। भारी बारिश, अचानक आई बाढ़ और पहाड़ खिसकने (लैंडस्लाइड) जैसी घटनाओं में अब तक 500 से ज्यादा लोगों के अपनी जान गंवाने की खबर है। यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि यह 500 परिवारों की वो कहानी है जो शायद अब कभी पूरी नहीं हो पाएगी।

कैसे खूबसूरत पहाड़ बन गए मौत का मंजर?

इस बार की बारिश सामान्य नहीं थी। कई जगहों पर बादल फटने जैसी घटनाएं हुईं, जिससे कुछ ही घंटों में इतनी बारिश हो गई जितनी कई हफ्तों में होती है। नतीजा यह हुआ कि पहाड़ ताश के पत्तों की तरह ढह गए, सड़कें बह गईं और नदियां अपने किनारों को तोड़कर शहरों और गांवों में घुस गईं।

लोगों ने अपनी आंखों के सामने अपने घरों को, अपनी उम्र भर की कमाई को पानी में बहते देखा। पंजाब के मैदानी इलाकों में भी नदियों के उफान ने फसलों को तबाह कर दिया और हजारों लोगों को बेघर कर दिया।

राहत और बचाव की टीमें दिन-रात काम करती रहीं, लेकिन कई जगहों पर पहुंचना भी नामुमकिन सा हो गया था। यह तबाही हमें एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि प्रकृति के आगे हम सब कितने छोटे और बेबस हैं। बाढ़ का पानी शायद अब कुछ जगहों पर उतरने लगा है, लेकिन अपने पीछे जो तबाही और दर्द के निशान छोड़ गया है, उन्हें भरने में बहुत लंबा वक्त लगेगा।

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