Punjab : महिला से छेड़छाड़ मामला,आप विधायक मनजिंदर लालपुरा को हाईकोर्ट से भी झटका, सज़ा पर रोक लगाने से इनकार

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News India Live, Digital Desk: पंजाब में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) के खडूर साहिब से विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक महिला को तंग करने और धमकाने के मामले में उन्हें मिली एक साल की सजा पर रोक लगाने से पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने साफ इनकार कर दिया है. इस फैसले के बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता पर भी खतरा मंडराने लगा है.

आखिर क्या है यह पूरा मामला?

यह मामला साल 2018 का है, जब मनजिंदर सिंह लालपुरा 'आप' के हलका इंचार्ज हुआ करते थे. शिकायत करने वाली महिला का आरोप था कि उनके पति ने लालपुरा के खिलाफ एक वीडियो शेयर की थी, जिसके बाद लालपुरा उन्हें लगातार फोन करके परेशान करने लगे. महिला के मुताबिक, विधायक उन्हें फोन पर गंदी गालियां देते थे, धमकाते थे और परेशान करते थे.

इसी मामले की सुनवाई करते हुए होशियारपुर की एक निचली अदालत ने इसी साल 18 अक्टूबर को मनजिंदर सिंह लालपुरा को दोषी पाया था. कोर्ट ने उन्हें आईपीसी की धारा 354-डी (पीछा करना), 506 (धमकाना) और 509 (महिला का अपमान करना) के तहत एक साल की कैद और 25,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी.

हाईकोर्ट ने क्यों नहीं दी राहत?

निचली अदालत के फैसले के बाद, मनजिंदर लालपुरा ने अपनी विधायकी बचाने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. उन्होंने अपनी सजा पर रोक लगाने की मांग की थी ताकि वह विधायक बने रह सकें. लेकिन हाईकोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए उन्हें कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया. कोर्ट का कहना था कि उन पर लगे आरोप गंभीर प्रकृति के हैं, इसलिए इस स्टेज पर सजा पर रोक नहीं लगाई जा सकती.

क्या अब जाएगी विधायक की कुर्सी?

कानूनी जानकारों के मुताबिक, किसी भी आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने पर एक चुने हुए प्रतिनिधि की सदस्यता जा सकती है. हालांकि, कानून में दो साल से ज्यादा की सजा पर तत्काल अयोग्यता का प्रावधान है, लेकिन एक साल की सजा के मामले में भी अब उनकी सदस्यता पर संकट बना हुआ है. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब सबकी नजरें विधानसभा स्पीकर के अगले कदम पर टिकी हैं.

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