Punjab Politics: पार्टी का एक और कद्दावर नेता आम आदमी पार्टी में हुआ शामिल सियासी उथल-पुथल
News India Live, Digital Desk: पंजाब की राजनीति में हलचल तेज है, और विधानसभा चुनावों से पहले पार्टियां एक-दूसरे के नेताओं को अपने पाले में लाने की लगातार कोशिशें कर रही हैं। इसी क्रम में, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) को एक बड़ा झटका लगा है, क्योंकि उनके एक और बड़े नेता ने आम आदमी पार्टी (आप) का दामन थाम लिया है। यह राजनीतिक घटनाक्रम आगामी चुनावों में अकाली दल के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है और आम आदमी पार्टी को और मजबूती प्रदान कर सकता है।
जानकारी के मुताबिक, अकाली दल के कद्दावर नेता दर्शन सिंह शेर खान आज औपचारिक रूप से आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। शेर खान को एक बड़े और अनुभवी नेता के तौर पर जाना जाता है, जिनकी पंजाब की राजनीति में अच्छी पकड़ है। यह कदम अकाली दल के लिए एक और नुकसान है, क्योंकि इससे पहले भी कई महत्वपूर्ण नेता पार्टी छोड़कर या तो अन्य दलों में शामिल हुए हैं या उन्होंने अपने राजनीतिक भविष्य पर पुनर्विचार किया है। यह 'आप' के लिए एक अच्छी खबर है, क्योंकि वे राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करने और ग्रामीण व अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।
इससे पहले भी, पूर्व आईएएस अधिकारी और अनुभवी अकाली नेता, जे.एस. भुल्लर जैसे प्रमुख नेताओं ने अकाली दल छोड़ दिया था, जिससे पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठने लगे थे। जे.एस. भुल्लर तो मुख्यमंत्री भगवंत मान की मौजूदगी में ही आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे, जो दिखाता है कि 'आप' बड़े चेहरों को अपने साथ जोड़ने में सफल रही है। शिरोमणि अकाली दल, जो पंजाब में लंबे समय से एक प्रमुख शक्ति रही है, अब आंतरिक कलह और नेताओं के पार्टी छोड़ने के कारण लगातार चुनौतियों का सामना कर रही है। इससे उनके संगठनिक ढांचे और चुनावी रणनीति पर भी असर पड़ रहा है।
इस राजनीतिक उठापटक का सीधा असर आगामी पंजाब विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों पर पड़ेगा। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि अकाली दल के भीतर से हो रही इस 'मास डिफेक्शन' (बड़े पैमाने पर दल-बदल) से पार्टी की जमीनी पकड़ कमजोर होगी, जिसका फायदा 'आप' और अन्य प्रतिद्वंद्वी दल उठा सकते हैं। अब देखना होगा कि अकाली दल अपने इन नेताओं के पलायन को कैसे रोकता है और अपनी गिरती साख को कैसे संभालता है। वहीं, 'आप' अपने नए-जुड़े नेताओं के अनुभव का उपयोग किस तरह करती है ताकि राज्य में अपनी सत्ता को और मजबूत कर सके।
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