अकाली वर्करों पर FIR मामले में पंजाब के DGP तलब, 20 नवंबर को दिल्ली में पेशी का आदेश

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News India Live, Digital Desk: पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं और नेताओं पर कथित तौर पर झूठे पुलिस केस दर्ज करने का मामला अब दिल्ली तक पहुंच गया है. भारत के चुनाव आयोग ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए पंजाब के पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव को तलब कर लिया है. आयोग ने DGP को 20 नवंबर को दोपहर 3 बजे दिल्ली स्थित अपने मुख्यालय में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है.

आखिर क्या है यह पूरा मामला?

यह सारा विवाद तब शुरू हुआ जब शिरोमणि अकाली दल ने चुनाव आयोग के दरवाजे पर दस्तक दी. अकाली दल के बड़े नेता बिक्रम सिंह मजीठिया और डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने आयोग से मिलकर शिकायत की थी कि पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार राजनीतिक बदलाखोरी की भावना से उनके कार्यकर्ताओं और नेताओं पर जानबूझकर झूठे केस बनवा रही है.

अकाली दल का आरोप था कि 'आप' सरकार के मंत्री और विधायक पुलिस पर दबाव बनाकर एकतरफा कार्रवाई करवा रहे हैं. उनका कहना था कि यह सब अकाली कार्यकर्ताओं को आने वाले चुनावों से पहले डराने और चुप कराने की एक सोची-समझी साजिश है. अकाली नेताओं ने ऐसे कई मामलों की एक लिस्ट भी चुनाव आयोग को सौंपी थी, जिसमें पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे.

चुनाव आयोग का सख्त एक्शन

शिकायत की गंभीरता को समझते हुए चुनाव आयोग ने इस पर तुरंत एक्शन लिया है. DGP को दिल्ली तलब करने के साथ-साथ आयोग ने इस मामले से जुड़े चार जिलों- रोपड़, मोगा, फिरोजपुर और पटियाला के SSP और दो DSP स्तर के अधिकारियों के तबादले का भी आदेश दे दिया है. इस कार्रवाई से साफ है कि आयोग आने वाले चुनावों को निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए कितना गंभीर है.

चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि चुनाव के दौरान किसी भी तरह की मनमानी और सरकारी मशीनरी का गलत इस्तेमाल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अब सबकी नजरें 20 नवंबर पर टिकी हैं, जब DGP गौरव यादव आयोग के सामने पेश होकर अपना पक्ष रखेंगे. इस पूरे घटनाक्रम ने पंजाब की सियासत को और गरमा दिया है

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