Protest in Bihar : रिजल्ट नहीं मिला तो JDU दफ्तर पर आत्मदाह करने पहुंचे शिक्षक अभ्यर्थी
News India Live, Digital Desk: Protest in Bihar : बिहार की राजधानी पटना में बुधवार को एक बार फिर हताश और नाराज़ युवाओं का सैलाब सड़कों पर उतर आया. ये उर्दू और बांग्ला TET (शिक्षक पात्रता परीक्षा) के अभ्यर्थी थे, जो पिछले 10-12 सालों से अपने रिजल्ट का इंतज़ार कर रहे हैं. जब सब्र का बांध टूट गया, तो वे सीधे सत्ताधारी पार्टी JDU के दफ्तर पहुंच गए और सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया.
माहौल उस वक्त और भी गंभीर हो गया, जब प्रदर्शन कर रहे कुछ अभ्यर्थी अपने हाथों में ज़हर की बोतलें लेकर पहुंच गए उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी दशकों पुरानी मांग नहीं मानी और जल्द से जल्द रिजल्ट जारी नहीं किया, तो वे पार्टी दफ्तर के सामने ही आत्मदाह कर लेंगे. अभ्यर्थियों का गुस्सा इतना ज़्यादा था कि उनकी पुलिस के साथ तीखी झड़प और धक्का-मुक्की भी हुई.
क्या है पूरा मामला?
ये पूरा विवाद साल 2013 में हुई उर्दू और बांग्ला TET परीक्षा से जुड़ा है. अभ्यर्थियों का आरोप है कि परीक्षा का रिजल्ट जारी तो किया गया था, लेकिन तकनीकी गड़बड़ियों का हवाला देकर बाद में उसे अमान्य घोषित कर दिया गया और हज़ारों पास उम्मीदवारों को फेल बता दिया गया. तब से लेकर आज तक, लगभग 12,000 अभ्यर्थी अपने भविष्य को लेकर अधर में लटके हुए हैं उनका कहना है कि वे न्याय के लिए सड़क से लेकर कोर्ट तक लड़ चुके हैं, लेकिन सिवाय आश्वासनों के उन्हें कुछ नहीं मिला.
"तिल-तिल मरने से अच्छा है, एक बार में जान दे दें"
प्रदर्शन में शामिल एक अभ्यर्थी ने रुंधे गले से कहा, "सरकार ने हमें मरने के लिए मजबूर कर दिया है. तिल-तिल कर घुटने से अच्छा है कि हम एक ही बार में यहीं अपनी जान दे दें. उनका आरोप है कि सरकार जानबूझकर उनके परिणाम रोक रही है, जबकि उसी साल हुई हिंदी TET का रिजल्ट कब का आ चुका है और नियुक्तियां भी हो चुकी हैं.
इस प्रदर्शन ने एक बार फिर बिहार में रोज़गार और सरकारी परीक्षाओं में देरी के गंभीर मुद्दे को सामने ला दिया है. 10 साल एक बहुत लंबा वक़्त होता है, और इन अभ्यर्थियों का दर्द और गुस्सा जायज़ है. अब देखना यह है कि क्या सरकार इनकी सुध लेती है, या ये प्रदर्शन किसी और अनहोनी का गवाह बनेगा.
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