PPF vs FD: आपका पैसा कहां रहेगा ज्यादा सुरक्षित और देगा बेहतर रिटर्न? जानिए पूरी सच्चाई
जब भी सुरक्षित निवेश की बात आती है, तो दो नाम सबसे पहले दिमाग में आते हैं - पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD). दोनों ही विकल्प बहुत लोकप्रिय हैं क्योंकि इनमें बाजार का कोई जोखिम नहीं होता और आपका पैसा सुरक्षित रहता है। लेकिन अक्सर लोग इस दुविधा में रहते हैं कि उन्हें अपना पैसा कहां लगाना चाहिए?
आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि PPF और FD में क्या अंतर है और आपके लिए कौन सा विकल्प सबसे अच्छा है।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF): लंबी दौड़ का घोड़ा
अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, जैसे कि रिटायरमेंट की प्लानिंग या बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसा जोड़ना, तो PPF आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है।
- सुरक्षा की गारंटी: यह सरकार की स्कीम है, इसलिए आपका पैसा 100% सुरक्षित रहता है।
- टैक्स फ्री रिटर्न: इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें मिलने वाले ब्याज पर आपको कोई टैक्स नहीं देना पड़ता। यह EEE (Exempt-Exempt-Exempt) कैटेगरी में आता है, मतलब निवेश, ब्याज और मैच्योरिटी, तीनों पर टैक्स छूट मिलती है।
- शानदार ब्याज दर: PPF पर आमतौर पर 7.1% सालाना ब्याज मिलता है, जो ज्यादातर बैंकों की FD से ज्यादा है।
- लॉक-इन पीरियड: इसमें 15 साल का लॉक-इन पीरियड होता है, यानी आप 15 साल से पहले पैसा नहीं निकाल सकते (कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर)।
- कितना कर सकते हैं निवेश: आप एक साल में कम से कम 500 रुपये और ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख रुपये जमा कर सकते हैं।
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD): छोटी अवधि का भरोसेमंद साथी
अगर आपको कुछ महीनों या कुछ सालों के लिए पैसा निवेश करना है और आप जरूरत पड़ने पर उसे निकाल भी सकें, तो FD आपके लिए सही है।
- लचीलापन: आप 7 दिन से लेकर 10 साल तक की अवधि के लिए FD करा सकते हैं।
- तुरंत नकदी: FD को जरूरत पड़ने पर समय से पहले तुड़वाया जा सकता है, हालांकि ऐसा करने पर बैंक थोड़ी पेनल्टी लगाता है।
- ब्याज पर टैक्स: FD पर मिलने वाला ब्याज आपकी सालाना आय में जुड़ता है और उस पर आपके इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगता है।
- ब्याज दर: FD की ब्याज दरें बैंक और चुनी गई अवधि के हिसाब से अलग-अलग होती हैं, जो आमतौर पर 6% से 7.5% के बीच होती हैं।
तो आखिर चुनें क्या: PPF या FD?
यह फैसला पूरी तरह से आपके लक्ष्य पर निर्भर करता है:
- PPF चुनें, अगर...
- आप रिटायरमेंट या बच्चों के भविष्य जैसे लंबे समय के लक्ष्यों के लिए निवेश करना चाहते हैं।
- आप टैक्स बचाना चाहते हैं और टैक्स-फ्री रिटर्न का लाभ उठाना चाहते हैं।
- आप 15 साल तक अपने पैसे को हाथ नहीं लगाना चाहते।
- FD चुनें, अगर...
- आप 1 से 5 साल जैसे छोटे समय के लिए पैसा रखना चाहते हैं।
- आपको लगता है कि आपको कभी भी पैसे की जरूरत पड़ सकती है (लिक्विडिटी चाहते हैं)।
- आप टैक्स की चिंता किए बिना एक निश्चित रिटर्न चाहते हैं।
निष्कर्ष
संक्षेप में कहें तो, PPF एक अनुशासित, लंबी अवधि का निवेश है जो टैक्स बचाने में मदद करता है, जबकि FD एक लचीला, छोटी अवधि का विकल्प है जो जरूरत के समय काम आता है। कई समझदार निवेशक अपने पोर्टफोलियो में दोनों को शामिल करते हैं ताकि वे लंबी और छोटी, दोनों तरह की जरूरतों को पूरा कर सकें।
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