Politics heats up in Chhattisgarh: पूर्व सीएम भूपेश बघेल के घर ED का छापा महादेव ऐप घोटाले से जुड़ा मामला
News India Live, Digital Desk: आज सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दुर्ग जिले के पाटन स्थित उनके पैतृक निवास पर छापेमारी की। यह बड़ी कार्रवाई महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले के तहत की गई है, जिसने राज्य की सियासत में फिर से गरमाहट ला दी है।
ED ने सिर्फ भूपेश बघेल ही नहीं, बल्कि उनके राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा और उनके विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी (ओएसडी) आशीष वर्मा (जो विनोद वर्मा के बेटे भी हैं) के आवासों पर भी एक साथ दबिश दी है। विनोद वर्मा को पहले भी ED ने इसी मामले में गिरफ्तार किया था, और वह जमानत पर हैं।
ज्ञात हो कि प्रवर्तन निदेशालय महादेव ऐप घोटाले की गहन जांच कर रहा है। ED का आरोप है कि इस ऐप के प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ के प्रभावशाली राजनेताओं और पुलिस अधिकारियों को 'प्रोटेक्शन मनी' के रूप में भारी रकम का भुगतान किया। निदेशालय की जांच में ₹439.40 करोड़ से अधिक की आपराधिक आय की पहचान की गई थी। ED के मुताबिक, शुभम सोनी नाम के एक व्यक्ति ने दावा किया था कि उसने महादेव ऐप के प्रमोटरों के निर्देश पर लगभग ₹5.08 करोड़ नगद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पहुंचाए थे।
इस कार्रवाई पर भूपेश बघेल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा 'बदले की राजनीति' बताया है। बघेल ने आरोप लगाया कि चूंकि बीजेपी लोकसभा चुनाव से पहले उनसे और उनकी सक्रियता से डरी हुई है, इसलिए जानबूझकर इस तरह की कार्रवाई की जा रही है ताकि उनकी छवि खराब की जा सके।
बता दें कि महादेव ऐप घोटाले का मामला सामने आने के बाद ED पहले भी भूपेश बघेल के करीबियों और परिवार के सदस्यों के ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है, जिनमें उनके पिता नंद कुमार बघेल, उनकी बहन सरोजिनी और उनके दामाद के घर भी शामिल थे। बघेल हालांकि, इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते रहे हैं और उनका कहना है कि ये केवल राजनीतिक दुर्भावना के चलते लगाए गए आरोप हैं
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