Politics heated up in Assam : पूर्व अधिकारी ने अप्रवासियों का किया बचाव, भाजपा ने कांग्रेस पर दागा आरोप

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News India Live, Digital Desk: Politics heated up in Assam : असम में बेदखली का मामला एक बार फिर गरमा गया है, और इस बार इसमें पूर्व योजना आयोग के एक सदस्य की एंट्री ने राजनीतिक गरमाहट बढ़ा दी है. दरअसल, असम में जारी बेदखली अभियान को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा है. बीजेपी का कहना है कि यह 'कांग्रेस की पुरानी सोच' का ही नतीजा है, जहां वे बांग्लादेशी मूल के घुसपैठियों को कथित तौर पर बचा रहे हैं. ये सारा विवाद तब और गहरा गया जब पूर्व योजना आयोग के सदस्य मिहिर शाह ने बेदखली के शिकार बांग्लादेशी समुदाय का खुलकर समर्थन किया.

मिहिर शाह ने कहा है कि असम में सालों से रह रहे अप्रवासियों, खासकर 'गरीब और स्थानीय मुस्लिम समुदाय' को बेदखल नहीं करना चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि हमें नए आने वाले अप्रवासियों पर रोक लगानी चाहिए, लेकिन जो लोग दशकों से यहां बसे हुए हैं, उन्हें जीने का मौका मिलना चाहिए. शाह के इस बयान ने भाजपा को और मुखर होने का मौका दे दिया है.

असम बीजेपी के अध्यक्ष भाबेश कलिता और विधायक पद्मा हजारिका समेत पार्टी के कई नेताओं ने मिहिर शाह की आलोचना करते हुए इसे कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति का नतीजा बताया. उनका कहना है कि शाह के बयान 'जिहादी' और 'राष्ट्र-विरोधी' एजेंडे को बढ़ावा देते हैं, जो कांग्रेस शासन के दौरान शुरू हुआ था. बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को बढ़ावा दिया और अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए उन्हें असम में बसाया.

राज्य सरकार के अनुसार, ये बेदखली अभियान इसलिए चलाया जा रहा है ताकि जंगल और आदिवासी समुदायों की ज़मीन को अवैध अतिक्रमण से बचाया जा सके. यह मामला दशकों पुराना है, जहाँ अवैध घुसपैठ, ज़मीन के अधिकार और असम की स्थानीय पहचान का मुद्दा लगातार उठता रहा है. कुल मिलाकर, असम में बेदखली को लेकर जारी यह बहस सिर्फ ज़मीनी लड़ाई नहीं, बल्कि एक गहरी राजनीतिक और सामाजिक उलझन बन गई है, जिस पर आगे भी चर्चा जारी रहेगी.

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