झारखंड में सियासी हलचल क्या हेमंत सोरेन भी मारेंगे पलटी? बीजेपी के साथ गठबंधन पर जेएमएम ने तोड़ी चुप्पी

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News India Live, Digital Desk : झारखंड की राजनीति में इन दिनों कड़ाके की ठण्ड तो पड़ रही है, लेकिन सियासी पारा एकदम गरम है। पिछले कुछ दिनों से हवा में बस एक ही बात तैर रही है "क्या हेमंत सोरेन (Hemant Soren) बीजेपी के साथ जा रहे हैं?"

बिहार में नीतीश कुमार के बार-बार पाला बदलने और हाल ही में चंपई सोरेन के बीजेपी में जाने के बाद, लोगों को लगने लगा है कि राजनीति में अब कुछ भी नामुमकिन नहीं है। चर्चा तो यहाँ तक है कि बिहार विधानसभा चुनाव में 'इंडिया गठबंधन' (INDIA Alliance) द्वारा जेएमएम को भाव न देने से सोरेन नाराज हैं और वो एनडीए (NDA) का रुख कर सकते हैं।

लेकिन रुकिए! इन उड़ती हुई खबरों पर अब झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने अपना रुख साफ कर दिया है। आइए जानते हैं आखिर माजरा क्या है।

अफवाहों पर जेएमएम का करारा जवाब

जब गठबंधन की ये खबरें जोर पकड़ने लगीं, तो जेएमएम के प्रवक्ता मनोज पांडेय को सामने आना पड़ा। उन्होंने मीडिया से बातचीत में इन अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा, "यह सब विरोधियों की साजिश है और 'माइंड गेम' है। हमारा गठबंधन (इंडिया ब्लॉक) मज़बूत है और हम कहीं नहीं जा रहे।"

मनोज पांडेय ने बड़ी बेबाकी से कहा कि बीजेपी और जेएमएम की विचारधारा (Ideology) बिल्कुल अलग है। "हम वो लोग हैं जो जल, जंगल और ज़मीन की बात करते हैं, हम उनके साथ कैसे जा सकते हैं जिनके खिलाफ हमने लड़ाई लड़ी है?" यानी पार्टी की तरफ से तो फिलहाल 'ना' है।

फिर यह धुआं उठा क्यों?

कहते हैं न, बिना आग के धुआं नहीं उठता। इस पूरी चर्चा की जड़ 'बिहार विधानसभा चुनाव' है। दरअसल, जेएमएम बिहार में राजद (RJD) और कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहती थी और कुछ सीटों की मांग कर रही थी। लेकिन इंडिया गठबंधन ने उनकी मांग पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया।

यहीं से कयास लगने शुरू हो गए कि 'अनदेखी' से नाराज होकर हेमंत सोरेन कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं। विपक्ष भी इस आग में घी डालने का काम कर रहा है और दावा कर रहा है कि जेएमएम के कई विधायक उनके संपर्क में हैं।

भरोसा तो किसी का नहीं...

भले ही जेएमएम ने आधिकारिक तौर पर इसे अफवाह बता दिया हो, लेकिन राजनीति में "आज की ना, कल की हां" बन जाती है। झारखंड की जनता ने पिछले कुछ सालों में इतना सियासी ड्रामा देखा है कि वो किसी भी संभावना को खारिज नहीं कर रही।

फिलहाल की स्थिति यही है कि हेमंत सोरेन अपनी 'अबुआ सरकार' चला रहे हैं और गठबंधन में बने हुए हैं। लेकिन अंदरखाने में जो 'टीस' है, वो कब क्या गुल खिलाएगी, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। तब तक आप बस चाय की चुस्की के साथ इन सियासी चर्चाओं का मज़ा लीजिये!

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