बिहार में सियासी भूचाल: NDA की जीत, लेकिन नीतीश कुमार के 10वीं बार CM बनने पर BJP के बयान से सस्पेंस

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बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों ने साफ़ कर दिया है कि जनता ने एक बार फिर एनडीए पर भरोसा जताया है। 200 से ज़्यादा सीटों पर बढ़त के साथ एनडीए गठबंधन शानदार जीत की ओर बढ़ रहा है, जिससे बीजेपी और जेडीयू कार्यकर्ताओं में ज़बरदस्त उत्साह है। हालाँकि, इस शानदार जीत के साथ ही एक बड़ा सवाल भी खड़ा हो गया है - बिहार का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा? वैसे तो चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा गया था, लेकिन अब बीजेपी के एक बयान ने पूरे माहौल को दिलचस्प बना दिया है।

नीतीश कुमार के नाम पर सस्पेंस क्यों?

चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा नेता साफ कह रहे थे कि अगर एनडीए जीतता है तो नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे। लेकिन अब नतीजे आने के बाद भाजपा महासचिव विनोद तावड़े के एक बयान ने सियासी गलियारे में हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा, "हमने बिहार चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा है, लेकिन मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इस पर आखिरी फैसला गठबंधन के सभी पांच दल मिलकर लेंगे।" इस बयान से संकेत मिलता है कि नीतीश कुमार का 10वीं बार मुख्यमंत्री बनना तय नहीं है और इस पर चर्चा हो सकती है। भाजपा और जदयू के अलावा एनडीए गठबंधन में जीतन राम मांझी की पार्टी 'हम', उपेंद्र कुशवाहा की 'आरएमएल' और चिराग पासवान की 'लोजपा-आर' भी शामिल हैं।

चुनाव परिणामों में एनडीए का दबदबा

एनडीए का दबदबा: 200+ सीटों की ओर

चुनाव आयोग के दोपहर 3:30 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, बिहार में एनडीए की सुनामी देखने को मिल रही है। सीटों पर आगे चल रही पार्टियों की स्थिति इस प्रकार है…

* भाजपा (भारतीय जनता पार्टी): 94 सीटों पर आगे

*  नीतीश कुमार की पार्टी (जेडीयू): 84 सीटों पर आगे

*  राजद (राष्ट्रीय जनता दल): 25 सीटों पर आगे

*  चिराग पासवान की पार्टी (लोजपा-आर): 19 सीटों पर आगे

*  एआईएमआईएम: 6 सीटों पर आगे

*  HAM: 5 सीटों पर आगे

*  उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी (आरएमएल): 4 सीटों पर आगे

*  अन्य: 6 सीटों पर आगे

इस चुनाव में भाजपा ने बिहार में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। 94 सीटों की बढ़त के साथ भाजपा ने अपना ही पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इससे पहले 2010 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 91 सीटें जीती थीं। इस शानदार प्रदर्शन की बदौलत भाजपा गठबंधन में बड़े भाई की भूमिका में आ गई है और यही वजह है कि मुख्यमंत्री पद के लिए उसका दावा और मज़बूत हो सकता है। अब देखना यह है कि गठबंधन की बैठक में नीतीश कुमार के नाम पर सहमति बनती है या कोई नया नाम सामने आता है।

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