Political conspiracy : जगदीप धनखड़ का उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा और राजस्थान की सियासत अशोक गहलोत का तीखा हमला
News India Live, Digital Desk: Political conspiracy : भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसने देशभर के राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी है। इस मामले पर अब राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं। गहलोत ने खुले तौर पर दावा किया है कि धनखड़ ने स्वेच्छा से इस्तीफा नहीं दिया, बल्कि यह सब उन पर पड़े "राजनीतिक दबाव" और भारतीय जनता पार्टी (BJP) तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के अप्रत्यक्ष दबाव का नतीजा है।
अशोक गहलोत ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि यह सब एक सोची-समझी रणनीति के तहत हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी-आरएसएस, खासकर लोकसभा चुनाव के बाद, अपने आंतरिक तंत्र और दबाव समूहों का उपयोग करके इस तरह के कदम उठा रही है। उनके अनुसार, यह स्थिति धनखड़ की स्वतंत्रता और स्वायत्तता पर सवाल उठाती है। गहलोत ने यह भी कहा कि इस इस्तीफे के पीछे की असली मंशा राजनीतिक फायदे उठाना और विरोधियों को कमज़ोर करना है। उन्होंने दावा किया कि जगदीप धनखड़ को "बलि का बकरा" बनाया गया है, ताकि बीजेपी और आरएसएस अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ा सकें।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि ऐसे संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को स्वतंत्रता और सम्मान के साथ काम करने दिया जाना चाहिए। उनके अनुसार, जिस तरह से यह इस्तीफा सामने आया है, उससे लगता है कि कहीं न कहीं पद की गरिमा के साथ समझौता हुआ है। उन्होंने केंद्र सरकार पर अप्रत्यक्ष रूप से राजनीतिक दबाव बनाने और लोकतंत्र की संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाया।
यह घटनाक्रम राजस्थान की राजनीति में भी गरमाहट ला सकता है, क्योंकि जगदीप धनखड़ राजस्थान से आते हैं और इस बयान के बाद उनके भविष्य और कांग्रेस-बीजेपी के बीच राजनीतिक रस्साकशी पर और चर्चा होने की उम्मीद है। गहलोत का यह बयान बीजेपी और आरएसएस पर उनके लंबे समय से चले आ रहे हमलों का हिस्सा है, जहाँ वे लगातार इन संगठनों पर संवैधानिक पदों का राजनीतिकरण करने और संघीय ढांचे को कमजोर करने का आरोप लगाते रहे हैं। अब देखना यह होगा कि इस बयान के बाद सत्ताधारी पार्टी क्या प्रतिक्रिया देती है और यह विवाद आगे किस मोड़ पर पहुँचता है।
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