PM Shahbaz Sharif claims: पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम शांति और आत्मरक्षा के लिए है'

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News India live, Digital Desk : PM Shahbaz Sharif claims: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में विश्व आर्थिक मंच (WEF) की एक बैठक के दौरान अपने देश के परमाणु कार्यक्रम पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान का परमाणु हथियार कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों और अपनी आत्मरक्षा के लिए है। उनका यह बयान उन आरोपों के बीच आया है, जिसमें कहा जा रहा है कि पाकिस्तान एक लापरवाह परमाणु शक्ति है और उसने पूर्व में परमाणु धमकी दी है।

धमकी से स्पष्टीकरण तक का सफर:
शरीफ के इस स्पष्टीकरण की एक पृष्ठभूमि है। पाँच साल पहले उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर किसी ने पाकिस्तान पर हमला किया तो उनका देश परमाणु हमला करने से भी पीछे नहीं हटेगा। अब, वे ऐसे किसी भी दुष्प्रचार को खारिज कर रहे हैं जो पाकिस्तान को 'गैर-जिम्मेदार परमाणु शक्ति' के तौर पर पेश करता है। उनका कहना है कि इस तरह का प्रचार 'बेशुमार गलत सूचना' पर आधारित है।

परमाणु कार्यक्रम का उद्देश्य:
दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की एक खास मीटिंग के दौरान शहबाज शरीफ ने कहा, "हमारा परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों और आत्मरक्षा के लिए है।" उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि पाकिस्तान 'एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति' है।

प्रधानमंत्री शरीफ ने अपनी बात को समझाते हुए कहा कि उनके परमाणु हथियार किसी भी आक्रामक मकसद के लिए नहीं बनाए गए हैं। इसके बजाय, इनका प्राथमिक लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी देश या समूह पाकिस्तान की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता पर हमला करने की हिम्मत न करे।

भारत और 'पहले प्रयोग नहीं' की नीति:
शरीफ ने भारत के 'पहले परमाणु हथियार का प्रयोग नहीं' (No-First-Use) की नीति का भी अप्रत्यक्ष रूप से जिक्र किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान ने यह सुनिश्चित किया है कि उसकी परमाणु क्षमता का उपयोग सिर्फ खुद के बचाव के लिए ही हो, न कि पहले हमले के तौर पर। पाकिस्तान की नीति 'न्यूनतम विश्वसनीय प्रतिरोधक क्षमता' (Minimum Credible Deterrence) बनाए रखने पर केंद्रित है। इसका मतलब है कि उनके पास इतने हथियार हों जिससे दुश्मन हमला करने से पहले सोचे।

दक्षिण एशिया में स्थिरता:
शहबाज शरीफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से जुड़े 'सभी कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल' का पालन करता है। उनका दावा है कि उनका परमाणु कार्यक्रम दक्षिण एशिया क्षेत्र में स्थिरता और शांति बनाए रखने में सहायक है, क्योंकि यह शक्ति का संतुलन बनाए रखता है।

इस बयान से साफ है कि पाकिस्तान दुनिया के सामने अपनी छवि को लेकर काफी सचेत है और अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर फैली किसी भी गलत धारणा को दूर करना चाहता है।

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