पहाड़ों में घूमने का प्लान है? रुकिए! मानसून की विदाई के बाद भी 'आफत' की बारिश का अलर्ट
Aaj Ka Mausam 2 Oct:अगर आप यह सोचकर पहाड़ों में घूमने का सूटकेस पैक कर रहे हैं कि अब तो मानसून चला गया है और मौसम बिल्कुल साफ और सुनहरा होगा, तो आपके लिए एक बहुत जरूरी खबर है।
उत्तराखंड से मानसून की आधिकारिक विदाई तो हो चुकी है, लेकिन कहानी में एक बड़ा ‘ट्विस्ट’ आ गया है। मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि मानसून जाने के बावजूद, प्रदेश के कई इलाकों में अगले 24 से 48 घंटे भारी बारिश हो सकती है। विभाग ने बाकायदा इसके लिए ‘येलो अलर्ट’ भी जारी किया है।
जब मानसून चला गया, तो अब बारिश क्यों हो रही है?
इस बेमौसम बारिश का कारण थोड़ा वैज्ञानिक है, लेकिन इसे समझना आसान है। पहाड़ों में एक नया मेहमान आ गया है - पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance)। और उसे साथ मिल गया है बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी का। इन दोनों की ‘जुगलबंदी’ का नतीजा यह है कि मानसून के जाने के तुरंत बाद भी प्रदेश में बारिश का एक और जोरदार दौर देखने को मिल रहा है।
इन इलाकों के लोग और पर्यटक रहें सावधान!
यह बारिश पूरे उत्तराखंड में एक जैसी नहीं होगी। इसका सबसे ज्यादा असर कुमाऊं मंडल पर पड़ने की आशंका है। मौसम विभाग ने खास तौर पर:
- नैनीताल
- चंपावत
- अल्मोड़ा
- बागेश्वर
- और पिथौरागढ़
जैसे जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। गढ़वाल मंडल में भी हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
क्या करें और क्या न करें?
इस अलर्ट का सीधा मतलब है कि पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन (लैंडस्लाइड) का खतरा बढ़ सकता है और छोटी-छोटी नदियां उफान पर आ सकती हैं।
- सलाह: मौसम विभाग ने लोगों और खासकर पर्यटकों को सलाह दी है कि वे अगले कुछ दिनों तक अनावश्यक रूप से पहाड़ी यात्रा करने से बचें। अगर यात्रा करना बहुत जरूरी है, तो पूरी सावधानी बरतें और निकलने से पहले मौसम का ताजा हाल जरूर जान लें।
कब मिलेगी राहत?
उम्मीद है कि 3-4 अक्टूबर से मौसम पूरी तरह साफ होना शुरू हो जाएगा और आप खिली हुई धूप का आनंद ले पाएंगे। लेकिन तब तक, सावधानी बरतना ही समझदारी है।
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