Pitambara Shakti: माँ बगलामुखी क्यों कहलाती हैं स्तंभिनी उनकी दिव्य शक्ति के पीछे का अद्भुत रहस्य
News India Live, Digital Desk: Pitambara Shakti: हिंदू धर्म की दस महाविद्याओं में आठवीं देवी, माँ बगलामुखी, पीतवर्ण (पीले रंग) की देवी के रूप में जानी जाती हैं। उनका स्वरूप ही अपने आप में रहस्यों से भरा और अद्भुत है। वे अपने एक हाथ में शत्रुओं की जिह्वा खींचे हुए और दूसरे हाथ में गदा धारण किए हुए विराजमान हैं। तंत्र-मंत्र के जगत में उनकी विशेष आराधना होती है क्योंकि उन्हें शत्रुओं का नाश करने वाली, वाक सिद्धि प्रदान करने वाली और स्तंभन शक्ति की देवी माना जाता है। लेकिन इस रूप के पीछे एक गहरा और अद्भुत रहस्य छिपा है, एक ऐसी गाथा जो बताती है कि कैसे उन्होंने दुष्टों की जुबान खींचकर न्याय स्थापित किया।
प्राचीन काल की बात है, जब सृष्टि पर भयंकर प्रलयकारी तूफान आया। इस तूफान ने पूरी पृथ्वी पर ऐसा कोहराम मचाया कि हर तरफ जीवन अस्त-व्यस्त हो गया, हाहाकार मच गया और सारा ब्रह्मांड विनाश की ओर बढ़ने लगा। इससे देवतागण भयभीत हो गए। ऐसी विकट स्थिति में, समस्त देवगण भगवान विष्णु के पास पहुंचे और उनसे इस महाविनाश को रोकने का निवेदन किया। भगवान विष्णु ने सृष्टि की रक्षा का प्रण लिया और अपनी दिव्य शक्तियों से चिंतित होकर चिंतन करने लगे।
भगवान विष्णु को हर्द्रा सरोवर के तट पर माता शक्ति की आराधना करने की प्रेरणा मिली। यह वही सरोवर था जहाँ देवी पीतवर्णी के रूप में विद्यमान थीं। भगवान विष्णु की गहन तपस्या और प्रार्थना से प्रसन्न होकर, मंगलमयी माँ बगलामुखी उस सरोवर से ही प्रकट हुईं। उनकी तेजस्वी आभा इतनी प्रबल थी कि उसने ब्रह्मांड के विनाशकारी तूफान को तत्काल रोक दिया और समस्त सृष्टि को स्थिरता प्रदान की। उनके इस अद्भुत कार्य के कारण ही उन्हें 'स्तंभिनी देवी' के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने सभी विनाशकारी शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जाओं को स्तंभित (रोक) कर दिया था।
माना जाता है कि जब वे प्रकट हुईं, तो उनके एक हाथ में उन्होंने दुष्ट असुरों की जीभ को खींचा हुआ था। यह कार्य प्रतीकात्मक रूप से दुष्टों की वाणी, उनकी छल-कपट भरी भाषा और नकारात्मक शक्तियों को स्तंभित करने को दर्शाता है। इससे वे दुष्ट अपने असत्य और छल-कपट से और अधिक पाप नहीं फैला पाते। उनका यह स्वरूप भक्तों को शत्रुओं से मुक्ति, वाद-विवाद में विजय और समस्त बाधाओं से रक्षा का आशीर्वाद प्रदान करता है। माँ बगलामुखी की साधना करने वालों को तुरंत न्याय और शत्रुता पर विजय प्राप्त होती है। पीत वस्त्र, पीत पुष्प और पीत द्रव्य उन्हें विशेष रूप से प्रिय हैं और उनकी साधना करने वालों को अद्भुत सिद्धियां प्राप्त होती हैं। इस तरह, माँ बगलामुखी न केवल दुष्टों का संहार करती हैं, बल्कि भक्तों के जीवन में संतुलन और न्याय भी स्थापित करती हैं।
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