पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड EMI? जानिए कब, कौन सा विकल्प है आपके लिए सबसे बेस्ट
आजकल पैसों की जरूरत पड़ने पर हमारे सामने दो सबसे आम विकल्प होते हैं - पर्सनल लोन (Personal Loan) और क्रेडिट कार्ड पर ईएमआई (Credit Card EMI)। दोनों ही हमें अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए पैसे उधार लेने की सुविधा देते हैं, लेकिन अक्सर लोग इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि उनके लिए कौन सा विकल्प बेहतर है।
देखने में दोनों एक जैसे लग सकते हैं, लेकिन इनके बीच कई बड़े अंतर हैं जो आपकी जेब पर गहरा असर डाल सकते हैं। एक गलत फैसला आपको हजारों रुपये का चूना लगा सकता है। इसलिए, कोई भी निर्णय लेने से पहले इन दोनों के बीच के फर्क को समझना एक स्मार्ट फैसला है।
1. ब्याज दर का खेल: कौन सस्ता, कौन महंगा?
यह सबसे महत्वपूर्ण अंतर है। यहीं पर ज्यादातर लोग गलती कर बैठते हैं।
- पर्सनल लोन: इसकी ब्याज दरें आमतौर पर क्रेडिट कार्ड ईएमआई की तुलना में कम होती हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि यह फिक्स्ड होती है, यानी आपकी मासिक किस्त (EMI) पूरे समय के लिए एक समान रहती है। इससे आपको अपना बजट बनाने में आसानी होती है।
- क्रेडिट कार्ड EMI: हो सकता है कि शुरुआत में आपको इसका ब्याज दर आकर्षक 'नो-कॉस्ट EMI' या कम ब्याज के ऑफर के साथ मिले, लेकिन इसमें अक्सर प्रोसेसिंग फीस और अन्य छिपे हुए शुल्क जुड़े होते हैं। अगर आप एक भी किस्त चुकाने से चूक गए तो आप पर भारी जुर्माना और ज्यादा ब्याज लग सकता है, जिससे इसकी कुल लागत पर्सनल लोन से कहीं ज्यादा हो जाती है।
2. रकम और समय का गणित
आपको कितने पैसों की जरूरत है और आप उसे कितने समय में चुकाना चाहते हैं, यह भी एक बड़ा फैक्टर है।
- पर्सनल लोन: यह बड़े खर्चों (जैसे घर का रेनोवेशन, बच्चों की शादी, या कोई मेडिकल इमरजेंसी) के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। इसमें आपको बड़ी रकम मिल सकती है और उसे चुकाने के लिए लंबा समय (6 महीने से 8 साल तक) भी मिलता है।
- क्रेडिट कार्ड EMI: यह आमतौर पर छोटे या मध्यम खर्चों (जैसे नया मोबाइल, फ्रिज या लैपटॉप) के लिए होता है। इसे चुकाने का समय भी कम होता है।
3. आपके क्रेडिट स्कोर पर किसका क्या असर?
यह एक ऐसी बात है जिस पर लोग अक्सर ध्यान नहीं देते, लेकिन यह बहुत महत्वपूर्ण है।
- पर्सनल लोन: यह एक अलग लोन होता है और आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट को ब्लॉक नहीं करता। इसका आपके क्रेडिट स्कोर पर सीधा और कम प्रभाव पड़ता है।
- क्रेडिट कार्ड EMI: जब आप क्रेडिट कार्ड पर EMI लेते हैं, तो उतनी रकम आपके कार्ड की लिमिट से ब्लॉक हो जाती है। इससे आपका 'क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो' (Credit Utilization Ratio) बढ़ जाता है, जिसका आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
फैसले की घड़ी: आपके लिए क्या है सही?
| पैमाना | पर्सनल लोन | क्रेडिट कार्ड EMI |
| कब चुनें? | बड़े खर्चों के लिए (शादी, मेडिकल, घर की मरम्मत) | छोटे और मध्यम खर्चों के लिए (मोबाइल, अप्लायंस) |
| ब्याज दर | अपेक्षाकृत कम और फिक्स्ड | शुरुआत में आकर्षक, पर कुल लागत ज्यादा हो सकती है |
| लोन राशि | ज्यादा | कम (आपकी क्रेडिट लिमिट पर निर्भर) |
| चुकाने की अवधि | लंबी (8 साल तक) | छोटी (2-3 साल तक) |
| क्रेडिट लिमिट पर असर | कोई असर नहीं | क्रेडिट लिमिट ब्लॉक हो जाती है |
| प्रोसेसिंग | थोड़ा समय लगता है (2-3 दिन) | तुरंत हो जाता है |
निष्कर्ष:
अगर आपका खर्च बड़ा है और आप उसे आराम से लंबी अवधि में चुकाना चाहते हैं, तो पर्सनल लोन आपके लिए एक किफायती और व्यवस्थित विकल्प है। वहीं, अगर खर्च छोटा है और आप उसे जल्दी चुका सकते हैं, तो क्रेडिट कार्ड EMI एक सुविधाजनक ऑप्शन हो सकता है, बशर्ते आप उसके सभी नियमों और छिपे हुए शुल्कों को अच्छी तरह समझ लें।
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