Lucknow : सदगुरु पुरम में डर के साये में जी रहे लोग, खुले तार और ओवरलोडेड ट्रांसफॉर्मर बने खतरा
News India Live, Digital Desk: लखनऊ के पॉश इलाकों में से एक, जानकीपुरम के सदगुरु पुरम में रहने वाले लोग इन दिनों डर के साये में जीने को मजबूर हैं। वजह है कॉलोनी में जगह-जगह लटकते बिजली के खुले तार और अपनी क्षमता से कई गुना ज़्यादा लोड झेल रहा एक अकेला ट्रांसफॉर्मर। यहां के निवासियों का कहना है कि वे हर पल किसी बड़े हादसे की आशंका में जी रहे हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
खंभों पर तारों का जाल, कभी भी हो सकता है हादसा
कॉलोनी की गलियों में बिजली के खंभों का हाल बेहाल है। इन पर तारों का ऐसा जंजाल फैला हुआ है कि मानो मकड़ी ने जाला बुन दिया हो। कई जगहों पर तार इतने नीचे लटक रहे हैं कि कोई भी आसानी से उनकी चपेट में आ सकता है, खासकर बच्चे। बरसात के मौसम में यह खतरा और भी बढ़ जाता है, जब इन तारों में करंट उतरने का डर बना रहता है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद बिजली विभाग के अधिकारी इस समस्या को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं।
एक ट्रांसफॉर्मर पर 350 घरों का लोड!
समस्या सिर्फ खुले तारों की नहीं है। पूरी कॉलोनी का बिजली का बोझ सिर्फ एक पुराने ट्रांसफॉर्मर पर है। बताया जा रहा है कि इस ट्रांसफॉर्मर की क्षमता महज़ 100 किलोवॉट है, जबकि इससे करीब 350 घरों को बिजली सप्लाई की जा रही है। नतीजा यह होता है कि ओवरलोडिंग के कारण ट्रांसफॉर्मर से अक्सर चिंगारियां निकलती रहती हैं और आए दिन फॉल्ट होता रहता है। लोगों को घंटों बिजली कटौती का सामना तो करना ही पड़ता है, साथ ही उन्हें यह डर भी सताता है कि कहीं यह ट्रांसफॉर्मर किसी दिन ओवरहीट होकर फट न जाए।
"बच्चों को बाहर भेजने में भी डर लगता है"
कॉलोनी में रहने वाले एक निवासी ने बताया, "हमारे बच्चों को बाहर खेलने भेजने में भी डर लगता है। पता नहीं कब कौन सा तार टूटकर गिर जाए। ट्रांसफॉर्मर के पास से गुज़रने में भी घबराहट होती है। हमने कई बार लेसा (लखनऊ इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई एडमिनिस्ट्रेशन) में शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।"
लोगों की मांग है कि बिजली विभाग जल्द से जल्द इस जर्जर हो चुके सिस्टम को सुधारे। कॉलोनी में अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर लगाया जाए और खतरनाक तरीके से लटक रहे तारों को तुरंत ठीक किया जाए, ताकि किसी बड़ी अनहोनी को होने से पहले ही टाला जा सके। सवाल यह है कि क्या बिजली विभाग किसी बड़े हादसे का इंतज़ार कर रहा है?
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