Paush Maas 2025 : पौष महीना शुरू शुभ काम करने से पहले रुकें, जानें क्यों इसे कहते हैं छोटा पितृ पक्ष
News India Live, Digital Desk: दिसंबर का महीना आते ही ठंड बढ़ जाती है, रजाई और गर्म कपड़े बाहर आ जाते हैं. लेकिन, क्या आपको पता है कि हमारे धर्म और ज्योतिष के हिसाब से यह महीना यानी पौष मास (Paush Month) कितना महत्वपूर्ण है? 5 दिसंबर 2025 यानी आज से पौष का महीना अपनी दस्तक दे रहा है.
अक्सर हम सोचते हैं कि पितरों की पूजा या श्राद्ध सिर्फ सितंबर-अक्टूबर में आने वाले 15 दिनों के 'पितृ पक्ष' में ही होती है. पर ऐसा नहीं है! शास्त्रों में पौष महीने को 'छोटा पितृ पक्ष' (Mini Pitru Paksha) कहा गया है. अगर आपसे मुख्य श्राद्ध पक्ष में अपने पूर्वजों की सेवा-पूजा में कोई कमी रह गई थी, तो उसे सुधारने का यह दूसरा 'गोल्डन चांस' है.
इसे 'छोटा पितृ पक्ष' क्यों कहते हैं?
पौष का महीना भगवान सूर्य देव (Surya Dev) और हमारे पितरों को समर्पित है. माना जाता है कि इस महीने में सूर्य देव की किरणों का असर सीधा हमारी आत्मा और पितरों की ऊर्जा से जुड़ता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पौष मास में पितृ अपने वंशजों से प्रसन्न होने के लिए धरती के करीब होते हैं. इसलिए, इस महीने किया गया पिंड-दान, तर्पण या सिर्फ एक लोटा जल भी पितरों को तृप्त कर देता है.
पौष में क्या करना चाहिए और क्या नहीं?
दोस्तों, वैसे तो यह महीना पूजा-पाठ के लिए बहुत शुभ है, लेकिन 'शुभ कार्यों' जैसे शादी-ब्याह, मुंडन या गृह प्रवेश के लिए इसे थोड़ा कम सही माना जाता है (जिसे हम खरमास लगने की वजह भी मानते हैं जो आमतौर पर महीने के बीच में लगता है). लेकिन भक्ति के लिए कोई रोक नहीं है.
अगर आपकी कुंडली में पितृ दोष (Pitra Dosh) है या घर में बिना वजह झगड़े होते हैं, बीमारियां पीछा नहीं छोड़ रहीं, तो इस महीने ये आसान उपाय जरूर आजमाएं:
- सूर्य को जल दें: रोज सुबह नहाने के बाद तांबे के लोटे में जल, लाल फूल और थोड़ा सा गुड़ डालकर सूर्य भगवान को अर्घ्य दें. इस महीने सूर्य की उपासना सीधे भाग्य को जगाती है.
- पीपल की सेवा: शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. कहते हैं, शाम के वक्त पितृ पीपल के पास मौजूद रहते हैं.
- गरीबों की मदद: इस ठंड के मौसम में किसी जरूरतमंद को गर्म कपड़े या कंबल दान करना सबसे बड़ा पुण्य है. आपके पितृ इसी से सबसे ज्यादा खुश होंगे.
- पौष अमावस्या (Paush Amavasya): इस महीने की अमावस्या सबसे खास होगी. उस दिन अगर आप तर्पण करेंगे या खीर का भोग लगाएंगे, तो साल भर की सुख-शांति पक्की समझिए.
सावधानी:
इस महीने बहुत ज्यादा तामझाम या पार्टी-शराबा करने से बचें. यह महीना आत्म-चिंतन और बड़ों के सम्मान का है. कोशिश करें कि घर में सात्विक माहौल रहे.
तो दोस्तों, सर्दियां का मजा लीजिए, लेकिन साथ ही अपने पूर्वजों को याद करना न भूलें. आखिर उनकी दुआओं से ही तो हमारा परिवार फल-फूल रहा है.
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