झारखंड के पारा शिक्षकों को मिला बड़ा तोहफा, मानदेय में हुई बंपर बढ़ोतरी, एरियर के साथ खाते में आएंगे पैसे
News India Live, Digital Desk: झारखंड के शहरी क्षेत्रों में कार्यरत हजारों पारा शिक्षकों (सहायक अध्यापकों) का लंबा इंतजार आखिरकार खत्म हो गया है। राज्य सरकार ने उनके मानदेय (Honorarium) में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है, जिससे उनके वेतन में अच्छी-खासी वृद्धि होगी। सबसे बड़ी खुशखबरी यह है कि यह बढ़ा हुआ मानदेय उन्हें पिछले चार महीनों के एरियर (Arrears) के साथ मिलेगा।
यह फैसला राज्य के समग्र शिक्षा अभियान के तहत काम कर रहे उन हजारों पारा शिक्षकों के लिए एक बड़ी राहत और प्रोत्साहन लेकर आया है, जो लंबे समय से अपने मानदेय में वृद्धि की मांग कर रहे थे।
कब से लागू होगी बढ़ोतरी और कितना मिलेगा एरियर?
झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (JCERT) की निदेशक की ओर से इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी कर दिया गया है।
- कब से मिलेगा फायदा: मानदेय में यह बढ़ोतरी 1 जुलाई 2025 की तारीख से ही लागू मानी जाएगी।
- एरियर का गणित: इसका सीधा मतलब है कि सभी शहरी पारा शिक्षकों को जुलाई, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर - इन चार महीनों का बढ़ा हुआ पैसा एरियर के रूप में एकमुश्त मिलेगा।
- दिसंबर में भुगतान की उम्मीद: आदेश में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे बढ़े हुए मानदेय और एरियर का भुगतान करने के लिए जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी करें। उम्मीद है कि दिसंबर महीने में यह राशि शिक्षकों के बैंक खातों में भेज दी जाएगी।
सरकार ने पूरा किया अपना वादा
आपको बता दें कि राज्य सरकार ने पहले ही ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत पारा शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी कर दी थी। लेकिन शहरी क्षेत्रों में काम करने वाले शिक्षकों को तकनीकी कारणों से इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था, जिससे उनमें काफी नाराजगी थी।
अब, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव के स्तर पर हुई पहल के बाद, वित्त विभाग की सहमति से इस बाधा को दूर कर लिया गया है और शहरी पारा शिक्षकों को भी यह लाभ देने का रास्ता साफ हो गया है।
शिक्षकों में खुशी की लहर
सरकार के इस फैसले के बाद राज्य के पारा शिक्षक संघों और शिक्षकों में खुशी की लहर है। उन्होंने इस फैसले के लिए मुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग का आभार व्यक्त किया है। उनका कहना है कि इस बढ़ोतरी से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि उनका मनोबल भी बढ़ेगा, जिसका सीधा फायदा राज्य की शिक्षा व्यवस्था और बच्चों की पढ़ाई पर दिखेगा। यह फैसला निश्चित रूप से हजारों पारा शिक्षकों और उनके परिवारों के लिए त्योहारी मौसम से पहले एक बड़ी सौगात है।
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