Panchak 2025 : कल दोपहर से लग रहा है पंचक, पर टेंशन की कोई बात नहीं जानिए क्यों इस बार सब मंगल है

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News India Live, Digital Desk : भारतीय घरों में जब भी 'पंचक' (Panchak) का नाम आता है, तो एक अनजाना सा डर माहौल में फैल जाता है। कोई नया काम शुरू करना हो या कहीं बाहर जाना हो, घर के बड़े-बुजुर्ग टोक देते हैं— "अभी रुक जाओ, पंचक लगे हैं।" अगर आप भी कैलेंडर देखकर परेशान हो रहे हैं कि कल से (27 नवंबर) पंचक शुरू हो रहे हैं, तो रिलैक्स हो जाइये।

इस बार का मामला थोड़ा अलग है। ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से, नवंबर 2025 के ये पंचक आपको डराने नहीं, बल्कि राहत देने आए हैं। आइए, बिल्कुल देसी अंदाज़ में समझते हैं कि माजरा क्या है।

कल दोपहर 2 बजे से हो रही है शुरुआत

अपनी घड़ी मिला लीजिये। इस महीने के दूसरे पंचक की शुरुआत 27 नवंबर 2025 (गुरुवार) को दोपहर 02:07 बजे से हो रही है। यह चक्र 5 दिनों तक चलेगा और 1 दिसंबर 2025 (सोमवार) की रात करीब 11:18 बजे खत्म होगा।

क्या होता है "दोष रहित" पंचक? (What is Dosh Rahit Panchak?)

यही वो पॉइंट है जो आपको जानना चाहिए। देखिए, पंचक 5 तरह के होते हैं, और इनका अच्छा या बुरा होना इस बात पर निर्भर करता है कि ये "हफ्ते के कौन से दिन" शुरू हो रहे हैं।

इस बार पंचक गुरुवार (Thursday) को शुरू हो रहा है। गुरुवार को देवगुरु बृहस्पति का दिन माना जाता है। इसलिए, शास्त्रों में इसे "दोष रहित पंचक" कहा गया है। आसान भाषा में समझें तो यह एक 'सॉफ्ट' पंचक है।

  • खुशखबरी: इस दौरान आप शादी, सगाई, मुंडन या कोई भी मांगलिक कार्य बेझिझक कर सकते हैं। उस पर कोई रोक-टोक नहीं है।

लेकिन... इन 5 कामों पर है 'Strict Ban'

चाहे पंचक कितना भी शुभ क्यों न हो, 5 नियम ऐसे हैं जो "यूनिवर्सल" हैं और उनका पालन हर पंचक में करना ही पड़ता है। अगले 5 दिनों में ये गलतियां करने से बचें:

  1. दक्षिण दिशा की यात्रा (No South Travel): अगर बहुत मजबूरी न हो, तो दक्षिण दिशा की तरफ ट्रेवल न करें। यह यमराज की दिशा है और पंचक में इस ओर जाना खतरों को दावत देने जैसा है।
  2. घर की छत (Roof Casting): अगर आपका मकान बन रहा है, तो 27 नवंबर से 1 दिसंबर के बीच लेंटर या छत डलवाने का काम रोक दें।
  3. लकड़ी का सामान (Wood): ईंधन के लिए लकड़ी, सूखी घास या कंडे (Uple) इकट्ठा न करें। इससे घर में अग्नि भय (आग लगने का डर) बढ़ता है।
  4. नया बेड या पलंग: इन 5 दिनों में घर पर नया बेड (Bed) खरीदकर न लाएं और न ही पुरानी खाट को ठीक करवाएं।
  5. अंतिम संस्कार (Cremation): सबसे ज़रूरी बात। अगर पंचक में किसी की मृत्यु हो जाए, तो अंतिम संस्कार तब तक न करें जब तक पंडित जी से पूछकर 'कुश' के 5 पुतलों का विधि-विधान न कर लें। यह परिवार की सुरक्षा के लिए बेहद अहम है।

सीधी बात

तो निष्कर्ष (Conclusion) यह है कि 27 नवंबर से शुरू हो रहे पंचक में डरने वाली कोई बात नहीं है। आप अपने शुभ काम निपटा सकते हैं, बस ऊपर बताई गई 5 सावधानियों का ध्यान रखें। कैलेंडर की तारीखों से ज्यादा अपनी समझदारी पर भरोसा रखें।

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