Painful Revelation in Meerut: ऑटो चालक की हत्या कर नहर में फेंका 4 महीने बाद मिला शव

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News India Live, Digital Desk: Painful Revelation in Meerut: मेरठ में एक बेहद दर्दनाक और चौंकाने वाली वारदात का खुलासा हुआ है। लगभग चार महीने पहले, अचानक गायब हुए एक ऑटो चालक का शव अब पुलिस की गहन छानबीन और आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद बरामद कर लिया गया है। यह घटना सिर्फ लूटपाट की नहीं, बल्कि नृशंस हत्या की है, जिसने एक परिवार के चार महीने के इंतजार को एक दुखद अंत दिया है।

पुलिस के मुताबिक, मावाना थाना क्षेत्र के पथोली गांव के रहने वाले 35 वर्षीय सावन जाटव, जो कि एक ऑटो चालक थे, बीती 16 दिसंबर, 2023 को अचानक लापता हो गए थे। परिवार लगातार उनकी तलाश में भटक रहा था और थाने में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी। परिवार ने हरसंभव जगह सावन की तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला, जिससे उनकी उम्मीदें धूमिल होती जा रही थीं।

इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने तकनीकी सर्विलांस और अपनी अन्य जांच पद्धतियों का इस्तेमाल किया। पुलिस छानबीन में यह भी पता चला कि इस हत्याकांड के पीछे एक पुराना हिसाब भी जुड़ा था। मुख्य आरोपी दीपक राणा ने पुलिस को बताया कि वर्षों पहले उसके भाई को सावन के ही किसी रिश्तेदार ने चोट पहुँचाई थी और उसी का बदला लेने की फिराक में वह था। इस दुर्भावना के चलते, उसने अपने चचेरे भाई रमन और अपने कुछ दोस्तों, परूल, अरविंद और मितेश के साथ मिलकर सावन को जाल में फँसाने की योजना बनाई।

पुलिस की पूछताछ के बाद जो खौफनाक सच सामने आया, उसके मुताबिक, 16 दिसंबर की शाम को, दीपक और रमन ने गागोल रोड पर स्थित गोला मंदिर के पास से सावन के ऑटो को एक सवारी के तौर पर पकड़ा। रास्ते में ही, इन बदमाशों ने ऑटो के अंदर ही सावन पर हमला कर दिया और उसे बड़ी बेरहमी से बंधक बना लिया। उन्होंने उसका ऑटो और उसके पास मौजूद करीब पचास हज़ार रुपये भी लूट लिए। फिर सावन और उसके ऑटो को मावाना के नहर पटरी तक ले जाया गया। यहां पहुँचकर, दरिंदों ने सावन का गला घोंटकर उसकी निर्मम हत्या कर दी। सावन के शरीर को मेरठ की भागीरथीपुर नहर में फेंक दिया गया, ताकि कोई पहचान न सके और सबूत मिट जाए।

हत्या के बाद, अपराधियों ने सावन के ऑटो को ठिकाने लगाने और उसे बेचने की फिराक में कई जगह हाथ-पैर मारे। अंततः उन्होंने इसे पानीपत में कुलदीप नामक शख्स को अस्सी हजार रुपये में बेच दिया। इस जघन्य वारदात का पर्दाफाश करने में पुलिस को लगभग चार महीने लग गए। पुलिस ने गहन जांच के आधार पर इस पूरे गिरोह का भंडाफोड़ किया। अभी तक पांच आरोपियों - दीपक राणा, रमन, परूल, अरविंद और मितेश को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि एक आरोपी (जिसका नाम कुलदीप है) अभी भी फरार है, जिसकी तलाश जारी है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद ही सावन के शव और ऑटो का पता चल सका। पुलिस फिलहाल लूटे गए ऑटो को भी बरामद करने की कोशिश में जुटी है ताकि मामले के हर पहलू को पूरी तरह से सुलझाया जा सके।

परिवार के चार महीने के लंबे इंतजार का अंत भले ही दुखद रहा हो, लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी से उन्हें थोड़ी राहत ज़रूर मिली होगी। मेरठ पुलिस इस मामले की पूरी गहराई से जांच कर रही है ताकि हर पहलू सामने आ सके और पीड़ितों को न्याय मिल सके।

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