पेट की हर समस्या का एक जवाब? क्या रोज प्रोबायोटिक कैप्सूल खाना सही है? डॉक्टर ने खोला राज
आजकल हम सब अपनी सेहत को लेकर काफी जागरूक हो गए हैं। टीवी हो या सोशल मीडिया, हर जगह एक शब्द हमें बार-बार सुनाई देता है - प्रोबायोटिक्स (Probiotics)। कोई दही खाने की सलाह देता है, तो कोई बाजार में मिलने वाले खास ड्रिंक्स की। और अब तो मेडिकल स्टोर पर इनकी छोटी-छोटी कैप्सूल भी मिलने लगी हैं।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है - यह प्रोबायोटिक्स आखिर हैं क्या? और क्या इन्हें रोज कैप्सूल के रूप में खाना हमारी सेहत के लिए सुरक्षित है?
चलिए, आज इस उलझन को हमेशा के लिए सुलझाते हैं।
कौन हैं ये ‘दोस्त’ बैक्टीरिया?
आसान भाषा में समझिए, प्रोबायोटिक्स हमारे पेट और आंतों में रहने वाले ‘अच्छे और दोस्त बैक्टीरिया’ (Good Bacteria) हैं। ये हमारी आंतों में एक सेना की तरह काम करते हैं, जो बुरे और हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ते हैं, हमारे खाने को पचाने में मदद करते हैं और हमारी बीमारियों से लड़ने की ताकत (इम्युनिटी) को मजबूत बनाते हैं।
तो क्या रोज एक कैप्सूल खाना सही है?
इस सवाल का छोटा और सीधा जवाब है - हां, ज्यादातर स्वस्थ लोगों के लिए रोज प्रोबायोटिक कैप्सूल का सेवन करना पूरी तरह से सुरक्षित और फायदेमंद हो सकता है।
- क्यों है यह फायदेमंद? हमारी आज की भागदौड़ भरी जिंदगी, तनाव, जंक फूड और खासकर एंटीबायोटिक दवाइयां, हमारे पेट में मौजूद इन ‘अच्छे सैनिकों’ को मार देती हैं। रोज एक प्रोबायोटिक कैप्सूल लेने से हम अपनी इस ‘सेना’ को फिर से मजबूत और तंदुरुस्त बना सकते हैं।
रोजाना प्रोबायोटिक्स लेने के बड़े फायदे:
- पाचन का सुपरहीरो: यह गैस, एसिडिटी, पेट फूलना (bloating) और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर रखने में मदद करता है।
- इम्युनिटी का गार्ड: हमारे शरीर की 70% इम्युनिटी हमारी आंतों में ही बसती है। जब आंतें स्वस्थ रहती हैं, तो हम बार-बार बीमार पड़ने से बच जाते हैं।
- बेहतर मूड: आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारी आंतों का सीधा कनेक्शन हमारे दिमाग से होता है। एक स्वस्थ आंत आपको खुश और तनाव-मुक्त रखने में भी मदद कर सकती है।
लेकिन रुकिए! इन लोगों को बरतनी चाहिए सावधानी
हालांकि यह ज्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित है, लेकिन अगर:
- आपकी इम्युनिटी बहुत ज्यादा कमजोर है (जैसे- कैंसर का इलाज चल रहा हो)।
- आपको कोई गंभीर बीमारी है।
तो आपको बिना डॉक्टर से पूछे कोई भी सप्लीमेंट शुरू नहीं करना चाहिए।
क्या प्राकृतिक स्रोत काफी नहीं हैं?
बिल्कुल काफी हैं! दही, छाछ (मट्ठा), घर का बना अचार, किमची और कांजी जैसी चीजें प्रोबायोटिक्स का प्राकृतिक खजाना हैं। अगर आप इन्हें रोज अपनी डाइट में शामिल करते हैं, तो शायद आपको कैप्सूल की जरूरत ही न पड़े।
लेकिन, अगर आप ये सब नहीं खा पाते या फिर आपने हाल ही में एंटीबायोटिक का कोर्स पूरा किया है, तो एक कैप्सूल लेना एक आसान और असरदार तरीका हो सकता है।
आखिरी सलाह:
प्रोबायोटिक आपकी सेहत के लिए बहुत अच्छे हैं, लेकिन यह कोई जादुई गोली नहीं है। सबसे जरूरी है एक संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली। और जब भी कोई नया सप्लीमेंट शुरू करें, तो एक बार अपने डॉक्टर से सलाह लेना ही सबसे समझदारी भरा कदम होता है।
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