दिवाली की अगली सुबह दिल्ली की हवा में घुला जहर, सांसों पर आया सबसे बड़ा संकट

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News India Live, Digital Desk: दिवाली की रात की चमक और आतिशबाजी खत्म हुई और जब सुबह हुई, तो दिल्ली वालों ने खुद को धुंध और धुएं की एक जहरीली चादर में लिपटा हुआ पाया। पटाखों पर बैन और तमाम चेतावनियों के बावजूद जो हुआ, उसका डर पहले से ही था। दिवाली की अगली सुबह दिल्ली की हवा इतनी खतरनाक हो गई है कि घर के बाहर निकलना तो दूर, घर के अंदर भी सांस लेना मुश्किल लग रहा है।

सारे रिकॉर्ड टूटे, हवा 'गैंस चैंबर' बनी

दिवाली से पहले ही दिल्ली की हवा 'बहुत खराब' श्रेणी में चल रही थी, लेकिन रात भर चले पटाखों ने इसे 'गंभीर' श्रेणी के सबसे खतरनाक स्तर पर पहुंचा दिया। सुबह होते-होते पूरी दिल्ली-NCR का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 500 के पार चला गया। आनंद विहार, मुंडका और आरके पुरम जैसे इलाकों में तो AQI 600 से 700 के बीच दर्ज किया गया, जो किसी गैस चैंबर में रहने जैसा है।

लोगों ने सुबह उठते ही आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में भारीपन की शिकायत की। छोटे बच्चे और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति बेहद खतरनाक है।

आखिर ऐसा क्यों हुआ?

इस खतरनाक स्थिति के पीछे दो बड़ी वजहें हैं:

  1. पटाखों का धुआं: दिवाली की रात बड़े पैमाने पर पटाखे जलाए गए, जिनका जहरीला धुआं सीधे हवा में घुल गया।
  2. मौसम का साथ नहीं: इस समय हवा की रफ्तार बहुत धीमी है, जिससे यह सारा धुआं कहीं जा नहीं पा रहा और आसमान में नीचे ही जमा हो गया है।

आगे क्या होगा?

मौसम विभाग और एक्सपर्ट्स की मानें तो अगले दो-तीन दिन दिल्ली वालों के लिए बहुत मुश्किल भरे हो सकते हैं। इस जहरीली धुंध से फिलहाल राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। डॉक्टरों ने लोगों को, खासकर सांस के मरीजों, बच्चों और बुजुर्गों को घरों से बाहर न निकलने की सलाह दी है। अगर बाहर निकलना बहुत जरूरी हो, तो N95 मास्क पहनना अनिवार्य जैसा हो गया है।

ऐसा लग रहा है कि त्योहार की कुछ घंटों की खुशी ने आने वाले कई दिनों के लिए हमारी सांसों पर एक बड़ा संकट खड़ा कर दिया है।

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