मुस्लिम डिप्टी CM की मांग पर तेजस्वी का ओवैसी पर पलटवार, गिरिराज सिंह का भी लिया नाम
News India Live, Digital Desk : बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 की सियासी जमीन अभी से गर्म होने लगी है. AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम डिप्टी सीएम का मुद्दा उठाकर एक नई बहस छेड़ दी है, जिस पर अब RJD नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. तेजस्वी ने ओवैसी की इस मांग को सीधे-सीधे बीजेपी का एजेंडा बताते हुए उन पर करारा हमला बोला है.
ओवैसी ने क्या सवाल उठाया था?
हाल ही में असदुद्दीन ओवैसी ने उन दलों पर निशाना साधा था जो खुद को सेक्युलर बताते हैं और मुसलमानों का वोट लेते हैं. उन्होंने सवाल किया था कि बिहार में अब तक कोई मुस्लिम उपमुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया गया? ओवैसी का यह बयान सीधे तौर पर RJD और कांग्रेस जैसी पार्टियों पर एक राजनीतिक हमला था, जिनका एक बड़ा वोट बैंक मुस्लिम समुदाय रहा है.
तेजस्वी ने दिया सधा हुआ जवाब
जब पत्रकारों ने तेजस्वी यादव से ओवैसी की इस मांग पर सवाल पूछा, तो उन्होंने इस मुद्दे को एक अलग ही दिशा दे दी. तेजस्वी ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी वही भाषा बोलते हैं जो बीजेपी के नेता, खासकर गिरिराज सिंह, चाहते हैं.
तेजस्वी ने कहा, "आप लोग जानते हैं कि वो (ओवैसी) किसके लिए काम करते हैं... उनकी बातों का कोई मतलब नहीं है. जो बात गिरिराज सिंह चाहते हैं, वही बात ओवैसी जी बोलते हैं. इन बातों में कोई दम नहीं है."
सीधे शब्दों में, तेजस्वी ने एक बार फिर से ओवैसी को बीजेपी की 'B-टीम' करार दिया और यह आरोप लगाया कि ओवैसी ऐसे मुद्दे उठाकर असल में बीजेपी को ही फायदा पहुंचा रहे हैं.
गिरिराज सिंह भी कूदे बहस में
तेजस्वी के बयान के बाद केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने तेजस्वी पर तंज कसते हुए कहा कि आरजेडी और कांग्रेस ने हमेशा मुसलमानों को सिर्फ 'वोट की मंडी' समझा है, उन्हें कभी कोई बड़ी राजनीतिक हिस्सेदारी नहीं दी.
क्या है इस बयानबाजी का राजनीतिक मतलब?
बिहार की राजनीति में यह बयानबाजी बहुत गहरे मायने रखती है.
- ओवैसी की कोशिश: AIMIM बिहार के सीमांचल इलाके में अपनी पकड़ मज़बूत कर चुकी है. अब ओवैसी 'मुस्लिम डिप्टी सीएम' जैसा भावनात्मक मुद्दा उठाकर RJD के मुस्लिम वोट बैंक में और बड़ी सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं.
- तेजस्वी की रणनीति: तेजस्वी यादव इस बात को समझते हैं. इसलिए, ओवैसी के सवाल का सीधा जवाब देने के बजाय, उन्होंने ओवैसी को ही बीजेपी का एजेंट बता दिया ताकि मुस्लिम वोट बैंक में किसी तरह का भ्रम पैदा न हो और वह RJD के साथ बना रहे.
- बीजेपी का फायदा: बीजेपी इस पूरे खेल को देख रही है. 'सेक्युलर' वोटों में जितना ज़्यादा बिखराव होगा, बीजेपी को उतना ही ज़्यादा फायदा मिलेगा.
जैसे-जैसे बिहार का चुनाव नज़दीक आएगा, इस तरह की बयानबाजी और तेज़ होगी. लेकिन फिलहाल, मुस्लिम डिप्टी सीएम के इस मुद्दे ने बिहार की सियासत में एक नया उबाल ज़रूर ला दिया है.
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