सियासत की बिसात पर पुराने दोस्त, नए दुश्मन ,गहलोत ने क्यों कहा वसुंधरा राजे को मेरे कारण ही बचाया गया

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News India Live, Digital Desk: राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर पुराने किस्से और नई बयानबाजियां चर्चा में हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक ऐसा बयान दिया है, जिसने न केवल मौजूदा भजनलाल सरकार पर निशाना साधा है, बल्कि बीजेपी की अपनी ही कद्दावर नेता और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को भी असहज कर दिया है। गहलोत ने दावा किया है कि 2008 में जब भैरोंसिंह शेखावत और बीजेपी के कुछ नेता वसुंधरा राजे की सरकार गिराना चाहते थे, तब उन्होंने ही उसे बचाया था।

इस बयान के बाद राजस्थान के सियासी गलियारों में यह सवाल गूंज रहा है कि क्या यह गहलोत का वसुंधरा के प्रति नरम रवैया है या फिर बीजेपी की अंदरूनी कलह को हवा देने की एक सोची-समझी रणनीति?

गहलोत ने आखिर कहा क्या?

अशोक गहलोत ने अपने एक हालिया बयान में कहा, "भैरोंसिंह शेखावत जी के उपराष्ट्रपति बनने के बाद बीजेपी के ही कुछ लोग वसुंधरा जी की सरकार गिराने की फिराक में थे। लेकिन मैंने कहा कि यह राजस्थान की परंपरा नहीं है। जनता द्वारा चुनी हुई सरकार को इस तरह से गिराना गलत है। मेरे इस स्टैंड के कारण ही उनकी सरकार बच पाई।" गहलोत ने यह भी जोड़ा कि उनके इसी "एहसान" का बदला वसुंधरा राजे ने उनकी सरकार बचाने में मदद करके चुकाया, जब सचिन पायलट खेमे ने बगावत की थी।

इस बयान के क्या हैं सियासी मायने?

राजनीति के जानकार गहलोत के इस बयान के कई मतलब निकाल रहे हैं:

  1. "एक तीर से दो निशाने": गहलोत एक तरफ तो यह संदेश दे रहे हैं कि वह राजनीतिक दुश्मनी में भी सिद्धांतों का पालन करते हैं। वहीं दूसरी तरफ, वह वसुंधरा राजे और मौजूदा बीजेपी नेतृत्व के बीच की कथित दूरियों को और बढ़ा रहे हैं। वह यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि वसुंधरा आज भी बीजेपी में अलग-थलग हैं।
  2. भजनलाल सरकार पर दबाव: गहलोत का बार-बार यह कहना कि मौजूदा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अनुभवहीन हैं और रिमोट कंट्रोल से चल रहे हैं, सरकार पर एक मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा है। वह यह साबित करना चाहते हैं कि वसुंधरा जैसी अनुभवी नेता को किनारे करके बीजेपी ने गलती की है।
  3. अपनी पार्टी को संदेश: इस बयान के जरिए गहलोत सचिन पायलट खेमे को भी एक संदेश दे रहे हैं कि जब पार्टी पर संकट आया था, तब बाहर के लोगों (वसुंधरा) ने भी मदद की, लेकिन घर के लोगों ने ही सरकार गिराने की कोशिश की।

क्या कहती है बीजेपी?

बीजेपी ने गहलोत के इन दावों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि गहलोत अपनी हार से निराश हैं और ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की मनगढ़ंत कहानियां बना रहे हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी कह चुके हैं कि उनकी सरकार मजबूती से काम कर रही है और इस तरह की बयानबाजियों से कोई फर्क नहीं पड़ता।

हालांकि, यह भी एक सच्चाई है कि राजस्थान बीजेपी में वसुंधरा राजे की भूमिका को लेकर हमेशा अटकलें लगती रहती हैं। चुनाव जीतने के बाद भी उन्हें सीएम न बनाए जाने से उनके समर्थकों में नाराजगी थी। गहलोत इसी नाराजगी को हवा देकर बीजेपी के घर में आग लगाने की कोशिश कर रहे हैं।

कुल मिलाकर, गहलोत का यह बयान सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि एक सोचा-समझा सियासी दांव है। अब देखना यह है कि यह दांव कितना कारगर साबित होता है और बीजेपी इस पर कैसे प्रतिक्रिया देती है।

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