बिहार में अब खत्म होगा जमीन का झंझट? डिप्टी सीएम ने बताया वो मास्टर प्लान जिससे कांप रहे हैं अपराधी
News India Live, Digital Desk : आप किसी भी थाने में चले जाइये, फाइलों का ढेर देख लीजिये, 10 में से 8 मामले आपको जमीन विवाद (Land Dispute) के ही मिलेंगे। कभी भाई-भाई में लठ चल रहे हैं, तो कभी कोई बाहुबली किसी गरीब की जमीन हड़प कर बैठा है। लेकिन अब लगता है कि बिहार में इन 'जमीन माफियाओं' के बुरे दिन आने वाले हैं।
बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने साफ लफ्जों में ऐलान कर दिया है कि सरकार अब जमीन विवाद को जड़ से खत्म करने के मूड में है।
सरकार का 'मास्टर प्लान' क्या है?
विजय सिन्हा ने बताया कि सरकार एक ऐसे सिस्टम पर काम कर रही है जहाँ गड़बड़ी की गुंजाइश ही न हो।
- जमीन सर्वे (Land Survey): बिहार में जमीन सर्वे का काम जोर-शोर से चल रहा है। इसका मकसद यही है कि जिसका कागज, उसी की जमीन। पुरानी रंजिशें खत्म हों और रिकॉर्ड ऑनलाइन हो जाएं।
- माफियाओं पर हंटर: सिन्हा ने कड़े शब्दों में कहा कि अब वो दौर गया जब अपराधियों को 'राजनीतिक संरक्षण' (Political Shelter) मिलता था। अब अगर किसी ने सरकारी जमीन या किसी गरीब की जमीन पर कब्जा किया, तो उस पर बुलडोजर भी चलेगा और कानूनी डंडा भी।
"अपराधी की कोई जाति नहीं होती"
अक्सर बिहार में अपराध को जाति और पार्टी से जोड़ दिया जाता है। इस पर डिप्टी सीएम ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि "अपराधी की कोई जात नहीं होती, उसका सिर्फ एक ही काम है समाज को परेशान करना।" सरकार का मंत्र साफ है जो गलत करेगा, वो जेल जाएगा, चाहे वो कितना भी रसूखदार क्यों न हो।
जनता को क्या फायदा होगा?
अगर सरकार का यह प्लान सही से लागू हो गया, तो सबसे ज्यादा राहत आम आदमी को मिलेगी। जो लोग सालों से अपनी ही जमीन पाने के लिए कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं, उन्हें न्याय मिलेगा। डिजिटलीकरण (Digitization) से पारदर्शिता आएगी और कोई भी दबंग फर्जी कागज बनवाकर आपकी जमीन नहीं हड़प पाएगा।
विजय सिन्हा का यह बयान उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो जमीन को 'लूट का माल' समझते हैं। अब देखना यह है कि धरातल पर इस 'मास्टर प्लान' का असर कितनी जल्दी दिखता है। लेकिन एक बात तय है—सरकार की नीयत अब साफ और सख्त नजर आ रही है।
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