अब सपना नहीं, हकीकत: 2 घंटे में मुंबई से अहमदाबाद, देश की पहली बुलेट ट्रेन इस तारीख को भरेगी रफ्तार
"जापान जैसी ट्रेन हमारे यहां कब चलेगी?" - यह सवाल अब पुराना होने वाला है. भारत का दशकों पुराना सपना अब तेज़ी से ज़मीन पर आकार ले रहा है. मुंबई को अहमदाबाद से जोड़ने वाली देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना पर काम इतनी रफ़्तार से चल रहा है कि अब सरकार ने इसके शुरू होने की तारीख का भी ऐलान कर दिया है.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ख़ुद इस बात की पुष्टि की है कि देश की पहली बुलेट ट्रेन अगस्त 2027 में अपनी पहली यात्रा के लिए तैयार हो जाएगी. यह सिर्फ़ एक ट्रेन नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी ताक़त और विकास की एक नई कहानी होगी, जो हमें जापान और चीन जैसे देशों की लीग में खड़ा कर देगी.
कैसा होगा यह सपनों का सफ़र?
कल्पना कीजिए, आप सुबह मुंबई में अपनी मीटिंग ख़त्म करते हैं और लंच के लिए सिर्फ़ 2 घंटे में अहमदाबाद पहुंच जाते हैं. यह किसी चमत्कार जैसा लगता है, लेकिन यही हक़ीक़त बनने जा रहा है.
- कितनी होगी रफ़्तार?: यह बुलेट ट्रेन 320 किलोमीटर प्रति घंटे की अविश्वसनीय रफ़्तार से पटरियों पर दौड़ेगी.
- कितना बचेगा समय?: अभी मुंबई से अहमदाबाद के बीच ट्रेन से सफ़र करने में 6 से 8 घंटे लगते हैं. बुलेट ट्रेन इस दूरी को सिर्फ़ 2 घंटे 7 मिनट में पूरा कर देगी.
- कितना लंबा होगा रूट?: यह पूरा कॉरिडोर 508 किलोमीटर लंबा होगा, जिसमें से ज़्यादातर हिस्सा (लगभग 92%) एलिवेटेड यानी खंभों के ऊपर बनाया जा रहा है.
- कहां-कहां रुकेंगी ट्रेनें?: इस रूट पर कुल 12 स्टेशन होंगे, जिनमें मुंबई, ठाणे, सूरत और अहमदाबाद जैसे बड़े शहर शामिल हैं.
कितना काम पूरा हो चुका है?
यह प्रोजेक्ट सिर्फ़ कागज़ों पर नहीं, बल्कि ज़मीन पर भी तेज़ी से दौड़ रहा है.
- नदियां भी नहीं रोक पाईं रास्ता: गुजरात में लगभग सभी बड़ी नदियों, जैसे नर्मदा, ताप्ती और माही, के ऊपर पुल बनाने का काम लगभग पूरा हो चुका है.
- पटरी बिछाने का काम शुरू: सबसे बड़ी ख़बर यह है कि गुजरात के सूरत में 61 किलोमीटर के हिस्से पर पटरियां बिछाने का काम भी शुरू कर दिया गया है.
यह सिर्फ़ एक ट्रेन नहीं, विकास का इंजन है
यह प्रोजेक्ट सिर्फ़ दो शहरों के बीच की दूरी ही कम नहीं करेगा, बल्कि यह अपने साथ विकास और रोज़गार की एक नई लहर भी लेकर आएगा. इस परियोजना से हज़ारों लोगों को सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार मिल रहा है. इसके अलावा, यह भारत को दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल कर देगा, जिनके पास हाई-स्पीड रेल की तकनीक है.
2027 अब ज़्यादा दूर नहीं है, और बहुत जल्द, भारत का हर नागरिक बुलेट ट्रेन की रफ़्तार पर गर्व कर सकेगा.
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