HIV ही नहीं, बिना कंडोम के सेक्स करने से फैलती है ये खतरनाक बीमारी, जानलेवा है ये बीमारी!
स्वास्थ्य सुझाव: एचआईवी जैसे संक्रमण से बचने के लिए बिना कंडोम के यौन संबंध बनाने से बचना चाहिए। क्या आप जानते हैं कि बिना कंडोम के यौन संबंध बनाने से न सिर्फ़ एचआईवी होता है, बल्कि इससे कई गंभीर बीमारियाँ भी हो सकती हैं। आइए आपको इसके बारे में बताते हैं। साथ ही, यह भी जानें कि इससे कौन-कौन सी बीमारियाँ हो सकती हैं?
HIV और एड्स
एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनो डेफिसिएंसी वायरस) को यौन संचारित रोगों में सबसे खतरनाक माना जाता है। अगर इसका इलाज न किया जाए, तो यह एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिसिएंसी सिंड्रोम) का कारण बनता है। दिल्ली के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. सूर्यकांत शर्मा कहते हैं कि एचआईवी का खतरा पार्टनर की संख्या और कंडोम के इस्तेमाल पर निर्भर करता है। इस बीमारी से बचने के लिए नियमित जाँच और प्री-एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस (PrEP) करवाना चाहिए, जिससे खतरा कम होता है। अगर कोई महिला या पुरुष एक से ज़्यादा पार्टनर के साथ शारीरिक संबंध बनाता है, तो उसे हर 3-6 महीने में एचआईवी टेस्ट करवाना चाहिए।
सूजाक
गोनोरिया एक जीवाणु संक्रमण है जो निसेरिया गोनोरिया के कारण होता है। यह रोग बिना कंडोम के यौन संबंध बनाने से भी फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2024 की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में गोनोरिया के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। यह रोग विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में बहुत तेज़ी से फैल रहा है। यह रोग पुरुषों और महिलाओं के प्रजनन तंत्र को नुकसान पहुँचाता है, जिससे बांझपन जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।
क्लैमाइडिया
क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस भी एक यौन संचारित जीवाणु संक्रमण है जो बिना किसी लक्षण के फैल सकता है। लैंसेट इन्फेक्शियस डिजीज (2023) में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, भारत में असुरक्षित यौन संबंध बनाने वाले 20-30 प्रतिशत युवाओं में क्लैमाइडिया होने का खतरा हो सकता है। इससे बांझपन और गर्भावस्था संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. श्रीकांत प्रसाद बताते हैं कि क्लैमाइडिया अक्सर चुपचाप रहता है, क्योंकि इसके कोई लक्षण दिखाई नहीं देते।
मानव पेपिलोमावायरस (एचपीवी)
एचपीवी एक वायरल संक्रमण है जो असुरक्षित यौन संबंध बनाने से होता है। यह संक्रमण सर्वाइकल कैंसर, गुदा कैंसर और जननांग मस्से जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है। आपको बता दें कि कंडोम एचपीवी संक्रमण को पूरी तरह से नहीं रोकता, लेकिन इसके जोखिम को 70 प्रतिशत तक कम कर सकता है। इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च (2024) के अनुसार, एचपीवी से संबंधित सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है।
जननांग परिसर्प
जेनिटल हर्पीज़, हर्पीज़ सिम्प्लेक्स वायरस (HSV) के कारण होता है और त्वचा से त्वचा के संपर्क से फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की 2024 की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 10-15 प्रतिशत यौन सक्रिय लोगों को HSV-2 का खतरा है। कंडोम के इस्तेमाल से हर्पीज़ का खतरा 50-60 प्रतिशत तक कम हो सकता है, लेकिन यह पूरी तरह से प्रभावी नहीं है। दरअसल, यह वायरस त्वचा से त्वचा के संपर्क से भी फैल सकता है।
उपदंश
सिफिलिस (ट्रेपोनेमा पैलिडम के कारण होने वाला) एक जीवाणु संक्रमण है जो असुरक्षित यौन संबंध के माध्यम से फैलता है। यूएनएड्स की 2024 की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सिफिलिस के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। अगर इसका इलाज न किया जाए, तो यह हृदय, मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुँचा सकता है।
हेपेटाइटिस बी और सी
हेपेटाइटिस बी और सी वायरल संक्रमण हैं जो असुरक्षित यौन संबंध और रक्त के माध्यम से फैलते हैं। द लैंसेट (2024) के अनुसार, बिना कंडोम के यौन संबंध बनाने से हेपेटाइटिस बी का खतरा बढ़ जाता है, जिससे लिवर कैंसर और सिरोसिस हो सकता है। हेपेटाइटिस बी के लिए तो टीका उपलब्ध है, लेकिन हेपेटाइटिस सी के लिए कोई टीका नहीं है। ऐसे में कंडोम और सावधानियां बेहद ज़रूरी हैं।
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