नोएडा अब पुराना हुआ! UP में बस रहा है 'नया नोएडा', जो मुंबई-दिल्ली को देगा टक्कर

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New Noida project update :उत्तर प्रदेश अब सिर्फ एक्सप्रेसवे और highways का ही जाल नहीं बिछा रहा, बल्कि एक ऐसा सपना साकार करने जा रहा है जो आने वाले समय में दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे महानगरों को भी टक्कर देगा। योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक पूरे के पूरे नए और आधुनिक शहर को बसाने की योजना को हरी झंडी दे दी है। इस शहर का नाम होगा - नया नोएडा

तो आखिर कैसा होगा यह सपनों का शहर और इससे आपकी-हमारी जिंदगी पर क्या असर पड़ेगा? चलिए जानते हैं।

कितना बड़ा और आलीशान होगा 'नया नोएडा'?

यह कोई छोटी-मोटी टाउनशिप नहीं, बल्कि 20,911 हेक्टेयर की विशाल जमीन पर बसाया जाने वाला एक पूरा महानगर होगा। इस प्रोजेक्ट पर कुल खर्च का अनुमान लगभग 50,000 करोड़ रुपये है, जो इसके विशाल होने का अंदाजा देता है। इसे एक्सप्रेसवे और जीटी रोड के पास बसाया जाएगा ताकि कनेक्टिविटी में कोई दिक्कत न हो।

कैसे और कब बसेगा यह शहर?

इस पूरे शहर को बसाने का काम चार चरणों (Phase) में किया जाएगा, जिसे 'मास्टर प्लान 2041' के तहत पूरा करने का लक्ष्य है।

  • पहला चरण (2027 तक): काम की शुरुआत हो चुकी है। पहले फेज में 15 गांवों की 3,165 हेक्टेयर जमीन पर विकास कार्य शुरू होगा। सिर्फ इसके शुरुआती इंफ्रास्ट्रक्चर पर ही 8,500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। नोएडा प्राधिकरण ने इसके लिए 1,000 करोड़ रुपये का बजट अलग से रख भी दिया है।
  • दूसरा चरण (2032 तक): 3,798 हेक्टेयर जमीन पर काम होगा।
  • तीसरा चरण (2037 तक): 5,908 हेक्टेयर जमीन को विकसित किया जाएगा।
  • चौथा चरण (2041 तक): आखिरी और सबसे बड़े चरण में 8,230 हेक्टेयर भूमि पर काम पूरा किया जाएगा।

किसानों का क्या होगा?

यह नया शहर कई गांवों की जमीन पर बसेगा, जिनमें जोखाबाद और सांवली जैसे गांव शामिल हैं। सरकार का कहना है कि किसी भी किसान की जमीन जबरदस्ती नहीं ली जाएगी। हर गांव में बैठक करके आपसी सहमति और उचित मुआवजे की दर तय की जाएगी। किसानों की हर समस्या को सुलझाने के लिए गांवों में ही अस्थायी ऑफिस भी खोले गए हैं।

सिर्फ घर नहीं, रोजगार का भी होगा बड़ा केंद्र

नया नोएडा सिर्फ रहने की जगह नहीं होगा, बल्कि यह औद्योगिक निवेश का एक बहुत बड़ा हब बनेगा।

  • 8,000 हेक्टेयर सिर्फ इंडस्ट्री के लिए: शहर का एक बड़ा हिस्सा (लगभग 8000 हेक्टेयर) औद्योगिक गतिविधियों के लिए आरक्षित होगा, जहां देश-विदेश की बड़ी कंपनियों को निवेश के लिए बुलाया जाएगा।
  • 1 लाख लोगों को रोजगार: अनुमान है कि इस शहर के बसने से करीब 1 लाख लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिलेगा।
  • 6 लाख लोगों का नया घर: यहां लगभग 6 लाख लोगों को बसाने का लक्ष्य है, जिसमें माना जा रहा है कि साढ़े तीन लाख लोग दूसरे शहरों से आकर यहां बसेंगे।

यह शहर सिर्फ उद्योग और आवास का केंद्र नहीं, बल्कि बेहतरीन शिक्षा, स्वास्थ्य और हर तरह की आधुनिक सुविधाओं का हब भी बनेगा। यह प्रोजेक्ट आने वाले दशकों में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक नई उड़ान देगा।

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