जयपुर हाईकोर्ट में बम की खबर से हड़कंप वोटिंग के बीच पुलिस और डॉग स्क्वायड की दौड़ भाग
News India Live, Digital Desk : आज का दिन जयपुर हाईकोर्ट के लिए काफी अहम था। वहां वकीलों की नई सरकार यानी 'बार एसोसिएशन' के लिए चुनाव चल रहे थे। सब कुछ बढ़िया चल रहा था, वकील अपनी-अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट डालने के लिए लाइन में लगे थे। लेकिन तभी एक खबर आई जिसने पूरे परिसर में सन्नाटा खींच दिया।
हुआ क्या था? (What Happened?)
दरअसल, किसी सिरफिरे ने हाईकोर्ट प्रशासन को एक धमकी भरा ईमेल (Threat Email) भेज दिया। मेल में साफ़-साफ़ लिखा था कि कोर्ट परिसर में बम रखा गया है और उसे उड़ा दिया जाएगा। सोचिये, जिस जगह हजारों वकील और जज मौजूद हों, वहां ऐसी खबर मिलने पर क्या माहौल हुआ होगा?
खबर मिलते ही पुलिस प्रशासन के कान खड़े हो गए। आनन-फानन में पुलिस की गाड़ियां सायरन बजाते हुए कोर्ट पहुंचीं। उनके साथ बम निरोधक दस्ता (Bomb Disposal Squad) और डॉग स्क्वायड (Dog Squad) भी मौके पर पहुँच गए।
अफरा-तफरी का माहौल, लेकिन...
पुलिस ने आते ही सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। कोर्ट रूम, पार्किंग और खाली जगहों को मशीनों और खोजी कुत्तों की मदद से चेक किया जाने लगा। एक पल को तो लगा कि शायद आज का चुनाव कैंसिल करना पड़ेगा। लोगों के चेहरों पर डर साफ़ दिख रहा था।
लेकिन दोस्तों, दाद देनी पड़ेगी वहां के वकीलों और चुनाव अधिकारियों की। इतनी बड़ी धमकी और पुलिस की घेराबंदी के बावजूद, वोटिंग रोकी नहीं गई।
वकीलों ने कहा कि वे डरने वाले नहीं हैं। एक तरफ पुलिस अपना काम करती रही (चेकिंग करती रही) और दूसरी तरफ वकील कतार में लगकर अपना वोट डालते रहे। इसे कहते हैं जज़्बा!
शायद फिर कोई 'मजाक'? (Is it a Hoax?)
अब तक की जांच में पुलिस को कोई भी संदिग्ध चीज़ या बम नहीं मिला है। आजकल यह ट्रेंड सा बन गया है कि भीड़भाड़ वाली जगहों को टारगेट करके फर्जी मेल (Hoax Mails) भेजे जाते हैं ताकि पैनिक फैल जाए। पुलिस अब उस आईपी एड्रेस (IP Address) को ट्रेस कर रही है जहाँ से यह मेल आया था।
खैर, गनीमत यह रही कि यह सिर्फ़ एक धमकी ही निकली (ज्यादातर मामलों की तरह)। फिलहाल वहां सुरक्षा एकदम टाइट है। कोई भी बिना चेकिंग के अंदर नहीं जा पा रहा है। अगर आपका कोई केस या काम वहां था, तो आज थोड़ी सख्ती का सामना करना पड़ सकता है।
आगे जो भी अपडेट आएगा, पुलिस शाम तक बता ही देगी। पर जयपुर के वकीलों ने आज दिखा दिया कि धमकी से लोकतंत्र नहीं रुकता!
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