New political move: अखिलेश यादव ने कथावाचक से की मुलाकात, 'शूद्र' शब्द पर दिया बड़ा संदेश
News India Live, Digital Desk: उत्तर प्रदेश की राजनीतिक गलियारों में एक दिलचस्प घटना सामने आई है, जहाँ समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक प्रख्यात कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज से मुलाकात की। यह मुलाकात अनौपचारिक रूप से रास्ते में हुई बताई जा रही है, लेकिन इस दौरान अखिलेश यादव द्वारा 'शूद्र' शब्द के प्रयोग पर दिया गया बयान अब सुर्खियों में है, जिससे सियासी माहौल गरमा गया है।
वायरल हो रहे एक वीडियो के अनुसार, इस भेंट के दौरान अखिलेश यादव ने अनिरुद्धाचार्य महाराज से स्पष्ट रूप से कहा, "किसी को भी अब शूद्र मत कहना।" उनकी इस टिप्पणी पर कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने भी अपनी सहमति जताते हुए सिर हिलाया। अखिलेश यादव का यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में जातिगत पहचान और सामाजिक समानता पर बहस तेज़ हो रही है, और कई बार 'शूद्र' जैसे शब्दों को लेकर विवाद भी पैदा होते रहे हैं।
यह समाजवादी पार्टी की सोशल जस्टिस और दलित-पिछड़े समुदाय को अपने साथ जोड़ने की नीति का एक हिस्सा माना जा रहा है। अखिलेश यादव, जिनके दल को हमेशा सामाजिक न्याय का पुरोधा माना जाता रहा है, ने यह कहकर एक स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की है कि समाज में किसी भी व्यक्ति को जातिगत पहचान के आधार पर किसी अपमानजनक या विभाजित करने वाले संबोधन से नहीं पुकारा जाना चाहिए। यह टिप्पणी निश्चित रूप से उनकी पार्टी के आधार को मज़बूत करने और दलित तथा ओबीसी समुदाय में एक सकारात्मक संदेश भेजने के प्रयास के रूप में देखी जा रही है।
सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है और इस पर विभिन्न वर्गों से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग इसे अखिलेश की संवेदनशील और प्रगतिशील सोच का परिचायक बता रहे हैं, तो कुछ इसे आगामी चुनावों से पहले की उनकी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं। लेकिन यह तो तय है कि उनके इस बयान से उत्तर प्रदेश की सियासत में जाति, धर्म और सामाजिक पहचान से जुड़े मुद्दों पर बहस और तीखी होगी।
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