New beginning of India-Maldives relations: PM मोदी का माले आगमन और राष्ट्रपति मुइज्जू से मुलाकात
News India Live, Digital Desk: New beginning of India-Maldives relations: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में मालदीव की यात्रा पर पहुँचे, जहाँ उनका नव-निर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रधानमंत्री मुइज्जू के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए मालदीव गए थे, यह यात्रा इस बात को और खास बनाती है कि मुइज्जू को 'इंडिया आउट' अभियान का समर्थक माना जाता है।
मालदीव में नई सरकार के गठन के बाद प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली यात्रा थी। गौरतलब है कि इससे पहले भी प्रधानमंत्री मालदीव का दौरा कर चुके हैं; जून 2023 में उनकी एक राजकीय यात्रा थी और उन्होंने फीफा विश्व कप क्वालीफायर मैच में भारतीय फुटबॉल टीम को खेलते देखने के लिए भी देश का दौरा किया था। इससे पूर्व दिसंबर 2019 में वे एक भारतीय सहायता परियोजना की शुरुआत के लिए मालदीव गए थे, और जुलाई 2022 में उन्होंने एक G20 से संबंधित आयोजन के सिलसिले में भी यहाँ का दौरा किया था।
यह यात्रा दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के भविष्य को लेकर चल रही अटकलों के बीच हुई है, विशेषकर जब राष्ट्रपति मुइज्जू को 'इंडिया आउट' अभियान के एक प्रमुख समर्थक के रूप में देखा जाता है। राष्ट्रपति मुइज्जू की चुनावी जीत बेहद अहम थी, खासकर भारत के साथ संबंधों को लेकर उनके चुनाव प्रचार का रवैया। उन्होंने अपने अभियान को 'इंडिया आउट' आंदोलन पर केंद्रित किया था। वे पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के करीबी समर्थक रहे हैं, जिन्होंने खुले तौर पर चीन के प्रति झुकाव और भारत विरोधी भावनाओं का प्रदर्शन किया था। वहीं, उनके विपरीत, यामीन के पूर्ववर्ती इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को भारत समर्थक माना जाता था।
अपनी जीत के बाद दिए गए पहले भाषण में, राष्ट्रपति मुइज्जू ने अपनी प्राथमिकताओं पर कायम रहने की बात तो कही, लेकिन साथ ही यह भरोसा भी जताया कि उनकी सरकार भारत सहित सभी पड़ोसी देशों के साथ रचनात्मक और लाभकारी संबंध बनाए रखने में सक्षम होगी। यह कथन दर्शाता है कि 'इंडिया आउट' की पृष्ठभूमि के बावजूद, मालदीव पूरी तरह से भारत से अपने रिश्ते तोड़ने के मूड में नहीं है।
इस साल की शुरुआत में दुबई में हुए COP28 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू की मुलाकात भी हुई थी। यह नए मालदीव प्रशासन के साथ भारत का पहला उच्च-स्तरीय संपर्क था, जिसे भारतीय अधिकारियों ने 'रचनात्मक' बताया था। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने लोकतांत्रिक चुनावों में उनकी जीत के लिए मुइज्जू को बधाई दी थी।
--Advertisement--