न पुलिस आई, न हथकड़ी लगी, फिर भी 'गिरफ्तार' हो गए... और गंवा दिए 1.2 करोड़ रुपये!
एक पढ़ा-लिखा इंसान, जिसने अपनी पूरी जिंदगी केंद्र सरकार की नौकरी में अनुशासन और ईमानदारी से बिताई हो, भला उसे कोई कैसे धोखा दे सकता है? लेकिन साइबर ठगों ने अब एक ऐसा मायाजाल बुनना शुरू कर दिया है, जिसमें अच्छे-अच्छे समझदार लोग भी फंसकर अपनी जीवन भर की गाढ़ी कमाई लुटा रहे हैं।
केरल के एर्नाकुलम जिले में रहने वाले एक ऐसे ही रिटायर्ड केंद्रीय कर्मचारी के साथ जो हुआ, वह सुनकर आपके भी पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। उन्होंने अपनी जिंदगी भर की बचत, यानी 1.2 करोड़ रुपये, एक ऐसे जुर्म के लिए गंवा दिए, जो उन्होंने कभी किया ही नहीं था। उन्हें न तो असली पुलिस ने पकड़ा, न कोई कोर्ट का समन आया, बल्कि उन्हें फोन पर ही "वर्चुअली गिरफ्तार" कर लिया गया।
कैसे हुआ यह सब? जानिए 'वर्चुअल अरेस्ट' का पूरा खेल
यह ठगी का एक नया और बेहद खतरनाक तरीका है, जो डर और मनोविज्ञान पर काम करता है।
- पहली घंटी: सब कुछ एक आम दिन की तरह ही शुरू हुआ। रिटायर्ड अफसर के पास एक फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को किसी बड़े अधिकारी के तौर पर पेश किया और कहा कि उनके नाम पर रजिस्टर हुए एक फोन नंबर से गैर-कानूनी गतिविधियां हो रही हैं और उनके खिलाफ एक बड़ा आपराधिक मामला दर्ज हुआ है।
- डर का जाल: यह सुनते ही कोई भी इंसान घबरा जाएगा। इसके बाद ठगों ने उन्हें डराने के लिए फोन किसी और "सीनियर अफसर" को ट्रांसफर कर दिया, जो शायद खुद को CBI या किसी दूसरी बड़ी जांच एजेंसी का अधिकारी बता रहा था। उन्होंने अफसर को मनी लॉन्ड्रिंग जैसे संगीन मामलों में फंसाने की धमकी दी।
- दुनिया से अलग-थलग करना: ठगों का सबसे बड़ा हथियार होता है आपको आपके परिवार और दोस्तों से अलग कर देना। उन्होंने उस रिटायर्ड अफसर को वीडियो कॉल (स्काइप) पर आने को कहा और जांच पूरी होने तक कॉल पर ही बने रहने का आदेश दिया। उन्हें किसी से भी इस बारे में बात करने से सख्त मना कर दिया गया। अब, अफसर दुनिया से कट चुके थे और पूरी तरह से ठगों के कंट्रोल में थे।
- "बचने का रास्ता" (असली जाल): कई घंटों की मानसिक प्रताड़ना के बाद, ठगों ने उन्हें बचाने का एक नाटक रचा। उन्होंने कहा, "अगर आप बेकसूर हैं, तो आपको अपनी सारी जमा-पूंजी एक 'सरकारी जांच खाते' में ट्रांसफर करनी होगी। हम पैसों की जांच करेंगे और अगर सब कुछ साफ-सुथरा मिला, तो आपको आपके सारे पैसे वापस मिल जाएंगे और आप इस केस से बरी हो जाएंगे।"
- लुट गई जिंदगी भर की कमाई: डर और दबाव में आकर, उस बेबस रिटायर्ड अफसर ने वही किया जो ठग चाहते थे। उन्होंने अपनी बचत, अपनी फिक्स्ड डिपाजिट (FD), सब कुछ तोड़कर धीरे-धीरे उन ठगों के बताए हुए खातों में पैसे ट्रांसफर कर दिए। जब तक उन्हें यह समझ आता कि उनके साथ धोखा हुआ है, तब तक उनकी दुनिया लुट चुकी थी। 1.2 करोड़ रुपये जा चुके थे।
यह घटना एक बहुत बड़ी चेतावनी है। ये ठग इतने शातिर हैं कि वे किसी को भी अपनी बातों के जाल में फंसा सकते हैं। वे आपकी घबराहट का फायदा उठाते हैं। इसलिए, अगली बार जब कोई भी अनजान व्यक्ति फोन पर आपको किसी जुर्म में फंसाने की धमकी दे, तो घबराएं नहीं। बस एक बात याद रखें...
कोई भी सरकारी एजेंसी, चाहे वो पुलिस हो, CBI हो या कोई और, आपसे फोन पर पैसे ट्रांसफर करने के लिए कभी नहीं कहती।
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