हार बर्दाश्त नहीं हुई? भारत से फाइनल में मिली करारी हार के बाद अब बहाने बना रहा है पाकिस्तान

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भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट का मैदान सिर्फ एक खेल का मैदान नहीं, बल्कि जज्बातों का अखाड़ा होता है। एशिया कप 2025 के फाइनल में जब भारत ने पाकिस्तान को हराकर ट्रॉफी पर कब्जा किया, तो करोड़ों भारतीय फैंस की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

मैच खत्म हो चुका है। ट्रॉफी भारत के पास है। जश्न मन चुका है। लेकिन लगता है, सरहद पार हमारे पड़ोसी मुल्क में हार का गम अभी तक खत्म नहीं हुआ है, और अब अपनी कमियों को छिपाने के लिए बहानों का दौर शुरू हो गया है।

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के चेयरमैन मोहसिन नकवी ने अपनी टीम की हार को लेकर एक ऐसा बयान दिया है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान है और कह रहा है कि यह खेल भावना नहीं है।

अपनी टीम की गलती मानने की बजाय, अंपायरों पर फोड़ा ठीकरा

एक चैंपियन टीम की निशानी होती है कि वह हार को भी सम्मान के साथ स्वीकार करती है। लेकिन मोहसिन नकवी ने अपनी टीम के खराब प्रदर्शन का विश्लेषण करने के बजाय, हार का सारा ठीकरा मैच के अंपायरों और कुछ ‘गलत फैसलों’ पर फोड़ दिया है। उन्होंने इशारों-इशारों में कहा है कि मैच के कुछ अहम मौकों पर लिए गए फैसले उनकी टीम के खिलाफ थे, जिसका असर नतीजे पर पड़ा।

यह खेल भावना नहीं, हताशा है

खेल में हार-जीत तो होती रहती है। असली चैंपियन वही होता है जो हारने पर भी जीतने वाली टीम को सम्मान दे और अपनी गलतियों से सीखे। लेकिन ऐसा लग रहा है कि PCB चीफ इस सीधी-सी बात को भूल गए हैं। उनका यह बयान साफ तौर पर उनकी और उनकी टीम की हताशा को दिखाता है।

सबने देखा कि फाइनल में भारतीय टीम ने पाकिस्तान से हर डिपार्टमेंट में बेहतर क्रिकेट खेला। चाहे वो सूर्यकुमार यादव की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी हो या भारतीय गेंदबाजों का disciplined प्रदर्शन, भारत ने यह खिताब अपनी काबिलियत के दम पर जीता है, किसी की मेहरबानी से नहीं।

नकवी का यह बचकाना बयान उनकी खीज को तो दिखाता ही है, साथ ही यह भारत-पाकिस्तान क्रिकेट की उस कड़वी हकीकत को भी सामने लाता है, जहां हार को स्वीकार करना अक्सर सबसे मुश्किल काम होता है।

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